संबल के अंत्येष्टि एवं अनुग्रह सहायता योजना के तहत श्रमिक परिवार के मुखिया की मौत होने पर सहायता मिलना था। इसमें मौत होने के तुरंत बाद ५ हजार रुपए अंत्येष्टि के लिए इसके बाद २ लाख रुपए अनुग्रह राशि मिलना था। योजना के तहत एक्सीडेंटल मौत होने पर ४ लाख रुपए और स्थाई विकलांगता होने पर भी लाभ दिया जाना था। योजना का लाभ लेने के लिए परिजन भटक रहे है जिनके परिवार के मुखिया की मौत हो चुकी है। इसमें ऐसे भी परिवार है जो एक साल से इस योजना के तहत लाभ पाने के लिए नपा के चक्कर काट रहे हैं।
देवेंद्र कुमार गौर, मुकेश डी शिवपुरी कॉलोनी, तुलसीराम राव, विजय ठाकुर विश्वकर्मा नगर, भीम गाड़े जयप्रकाश नगर, जितेंद्र जायसवाल इंद्रपुरा, विजय मेहरा भगत सिंह नगर, मुन्नालाल साधुलाल शास्त्री नगर, सुरेश कुमार डालचंद्र शास्त्री नगर, मोरसिंह मेहरा अंबेडकर नगर, हरिशंकर बोरासी अंबेडकर नगर, बलीराम बारेलाल वार्ड ११, उमा विश्वकर्मा रैदास नगर, राजेंद्र सिंह मरकाम आसफाबाद, सौरभ यादव वार्ड ९, हेमलता यादव, अबरार अली इकबालगंज, अरविंद यादव, दिनेश मेहरा शिवपुरी, भगवती प्रसाद राजेंद्र नगर, लक्ष्मीनारायण चौधरी शिवाजी नगर, सलीम खान अहिल्या नगर, राजेंद्र शर्मा गांधीनगर, सुरेंद्र रैकवार वार्ड १०, राजेश कुमार मेहरा, कपिल शर्मा गांधीनगर के अलावा अन्य परिवार शामिल हैं।
प्रकरण- १
गांधीनगर निवासी आशा बाई शर्मा के पति का देहांत पहले ही हो चुका था इसके बाद परिवार की दो बुजुर्ग उनके पुत्र कपिल पर आश्रित हो गईं। लेकिन पिछले छह महीने पहले कपिल शर्मा की भी बीमारी के चलते मौत हो गई। कपिल मजदूरी करके पूरा परिवार का भरण पोषण करता था। कपिल पर मां आशा बाई ६२ वर्ष के अलावा उसकी ९५ वर्षीय दादी भी आश्रित थी। एक बड़ी समस्या यह है कि आशा बाई कैंसर से पीडि़त है ऐसे में दोनों बुजुर्ग महिलाएं बेहद परेशानी में अपना जीवन व्यतीत कर रही हैं।
बंगलिया वार्ड ६ में मुन्नी बाई बोरासी रहती हैं। इनके पति की मृत्यु दिसंबर २०१८ में हुई थी। पति की मृत्यु के बाद पूरे परिवार भार मुन्नी बाई पर आ गया। ऐसे में योजना के तहत अनुग्रह सहायता राशि के लिए आवेदन किया था। अभी तक राशि नहीं मिली है। परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है ऐसे हालात में मुन्नीबाई को स्वयं मजदूरी करने जाना पड़ रहा है। अनुग्रह सहायता राशि के लिए नगर पालिका के चक्कर लगाते-लगाते छह महीने हो गए हैं। अभी तक राशि नहीं मिली है।
राकेश जाधव, पार्षद
हरिओम वर्मा, सीएमओ इटारसी