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इंदौर

सरकार भी नहीं ले पाई सीईटी पर कोई फैसला कुलपति मिलने तक एडमिशन टलने के आसार

डीएवीवी: रजिस्ट्रार ने प्रमुख सचिव और कमिश्नर को बताए हालात

इंदौरJul 20, 2019 / 02:53 pm

हुसैन अली

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सरकार भी नहीं ले पाई सीईटी पर कोई फैसला कुलपति मिलने तक एडमिशन टलने के आसार

इंदौर. अहिल्या यूनिवर्सिटी के विभागों में एडमिशन के लिए छात्रों का इंतजार और बढऩे के आसार बन गए हैं। यूनिवर्सिटी प्रबंधन को सीईटी निरस्त करने के फैसले को शासन की मंजूरी मिलने की उम्मीद थी, लेकिन नियमों के चलते अब कुलपति मिलने के बाद ही एडमिशन प्रक्रिया शुरू होने के आसार बन रहे हैं।
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तकनीकी गड़बड़ी के चलते सीईटी सवालों के घेरे में है। एडमिशन का रास्ता निकालने के लिए कुलपति की नियुक्ति का इंतजार है। तीन सप्ताह में भी फैसला नहीं होने पर अधिकारियों व डीन की बैठक में सीईटी निरस्त करने के साथ अर्ह परीक्षा की मेरिट के आधार पर एडमिशन देने का प्रस्ताव बनाकर मंगलवार को भोपाल भेज दिया गया। रजिस्ट्रार अनिल शर्मा ने उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव हरिरंजन राव और कमिश्नर राघवेंद्रसिंह से मुलाकात कर यूनिवर्सिटी के हालात और एडमिशन में देरी के कारण छात्रों को हो रही परेशानी की जानकारी दी। विभाग ने इस पर ङ्क्षचता तो जताई, मगर हल नहीं निकल सका। पूर्व कार्यपरिषद सदस्य बालकृष्ण अरोरा ने सीईटी निरस्त करने को नियम विरुद्ध करार दिया। उनका कहना है, सीईटी का फैसला कार्यपरिषद में लिया गया था। अधिकारी चाहें तो भी अपने स्तर पर इसे नहीं बदल सकते।
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विक्रम यूनिवर्सिटी के फैसले से बैकफुट पर शासन

प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद से कई यूनिवर्सिटी में धारा 52 लगाने की तैयारी की गई थी। सबसे पहले विक्रम यूनिवर्सिटी उज्जैन में धारा 52 लगाई गई। यहां राजभवन ने शासन की पेनल में शामिल नाम खारिज कर प्रो. बालकृष्ण शर्मा को कुलपति बना दिया। पेनल में शामिल प्रो. एसएल गर्ग ने इसे कोर्ट में चुनौती दी। कोर्ट ने माना, कुलपति की नियुक्ति का विशेषाधिकार कुलाधिपति को ही है। इस निर्णय का असर सीधे तौर पर डीएवीवी सहित बाकी यूनिवर्सिटी पर भी नजर आएगा।
इंदौर से राजभवन तक पैदल मार्च, 23 को आत्मदाह की चेतावनी
डीएवीवी में दिनोंदिन बदतर हो रहे हालातों के बीच कई संगठन सक्रिय होकर कुलपति नियुक्त करने की मांग कर रहे है। जहां कांग्रेसी इंदौर से राजभवन तक पैदल मार्च निकालेंगे, वहीं एक ने 23 जुलाई को आत्मदाह की चेतावनी दी है। कांग्रेसी नेता विवेक खंडेलवाल व गिरीश जोशी ने सांसद शंकर लालवानी के निवास से राजभवन तक पैदल मार्च निकालने की घोषणा करते हुए कहा, यूनिवर्सिटी में बनी इस स्थिति के लिए कुलाधिपति जिम्मेदार है। हम विद्यार्थियों से भी पैदल मार्च में शामिल होने की अपील कर रहे हैं। विद्यार्थी एकता परिषद के जीतू दीवान ने घोषणा की है कि मंगलवार तक कुलपति की नियुक्ति नहीं हुई तो 23 जुलाई को आत्मदाह करेंगे।

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