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सरकारी मस्जिद व दरगाह की संपत्ति को लेकर वक्फ बोर्ड को काम दिया गया, जो कलेक्टर के अधिकार से बाहर हैं। इन बिंदुओं को लेकर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व भाजपा के वरिष्ठ विधायक सीतासरन शर्मा ने सरकार से सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने होशंगाबाद, भोपाल, बुरहानपुर और इंदौर पर आधारित जानकारी मांगी है।
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जैसे ही सवाल का जवाब इंदौर जिला प्रशासन से मांगा गया, वैसे ही अफसरों की आंखें फटी रह गई। उनसे पूछा गया कि जिले में कितनी हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और बौद्ध के पंजीकृत धर्मस्थल मंदिर, मस्जिद, दरगाह और चर्च हैं? जानकारी दी जाए। कितनों के अध्यक्ष या सर्वराकार कलेक्टर हैं? क्या कलेक्टर सिर्फ हिंदू संस्थाओं के अध्यक्ष व सर्वराकार हो सकते हैं, दरगाह, चर्च और गुरद्वारा संस्थाओं के नहीं? यदि हां तो इसके क्या कारण हैं?
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नीति बन रही है क्या?
शर्मा ने कमलनाथ सरकार को घेरते हुए पूछा है कि क्या शासन सभी धर्मों के इबादतगाहों पर समान निर्णय, संहिता, नीति लागू करेगा। यदि हां तो कब तक? नहीं तो क्यों?