कांग्रेस में पिछले कई दिनों से फेरबदल को लेकर अटकलों का दौर चल रहा है। हुड्डा खेमा लगातार अशोक तंवर को पद से हटवाने के लिए प्रयासरत है। दूसरी तरफ अशोक तंवर हुड्डा को संगठन में पद दिए जाने के विरूद्ध अपने दावों को मजबूत करने में जुटे हुए हैं। दोनों नेताओं की आपसी खींचतान के चलते अभी तक पार्टी प्रभारी गुलाम नबी आजाद हरियाणा में आकर एक भी बैठक नहीं ले सके हैं।
समन्वय समीति में इन नेताओं को किया गया शामिल
बीते शुक्रवार को कांग्रेस हाईकमान ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में चुनाव के मद्देनजर समन्वय समीति का गठन किया था। इस समीति में कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर, किरण चौधरी, कुमारी सैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला, कुलदीप बिश्नोई, महेंद्र प्रताप सिंह, कैप्टन अजय सिंह यादव, दीपेंद्र सिंह हुड्डा, नवीन जिंदल, कैलाशो सैनी, अनिल ठक्कर, कुलदीप शर्मा, जयवीर सिंह बाल्मीकि, जयपाल सिंह लाली को शामिल किया गया। कांग्रेस को यह सूची जारी किए एक घंटा भी नहीं हुआ था कि सभी नेता आपस में भिड़ गए और हाईकमान को यह सूची वापस लेनी पड़ गई।
समन्वय समिति की बैठक को लेकर दो दिन से उठापटक चल रही थी। भूपेंद्र सिंह हुड्डा पिछले दो दिन से दिल्ली में ही डेरा डाले हुए हैं। खींचतान के बाद कांग्रेस हाईकमान ने सोमवार को फिर से यह सूची जारी कर दी। दिलचस्प बात यह है कि इसमें किसी तरह का फेरबदल नहीं किया गया है। जिससे यह साफ हो गया है कि हाईकमान के आदेशों के बाद हरियाणा के कांग्रेसी ढीले पड़ गए हैं।
इस सूची पर किसी भी नेता को कोई आपत्ति नहीं है। केवल तकनीकी कारणों से इसे रोका गया था। सभी नेताओं की सहमति के साथ इसे जारी किया गया है। हरियाणा के सभी नेता पूरी तरह से एकजुट हैं और बहुत जल्द एक मंच पर दिखाई देंगे। समूची कांग्रेस पार्टी बहुत जल्द अपनी चुनावी रणनीति का ऐलान करेगी। गुलाम नबी आजाद, प्रभारी हरियाणा कांग्रेस।