लोकसभा चुनाव में हार के बाद आज यहां कांग्रेस मुख्यालय में पहली बार पत्रकारों से बातचीत करते हुए अशोक तंवर ने हुड्डा गुट के किसी भी नेता का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ नेता पिछले पांच साल से उनका इस्तीफा मांग रहे हैं लेकिन उनके मांगने से कुछ नहीं होता, जब तक हाईकमान चाहेगी, तब तक वह अध्यक्ष बने रहेंगे।
अशोक तंवर ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशियों द्वारा हार के लिए संगठन की कमी को जिम्मेदार ठहराए जाने पर कहा कि नेताओं को चाहिए कि वह अपनी हार का ठीकरा संगठन के सिर फोडऩे की बजाए सबक लेकर आगे बढ़े। चुनाव में हार या जीत के लिए सभी की सामूहिक जिम्मेदारी होती है। इस हार के लिए केवल अशोक तंवर ही नहीं, सभी नेता जिम्मेदार हैं। चुनाव परिणाम के बाद कुछ लोग अपनी गलतियों को उन पर या संगठन पर थोप रहे हैं। इस हार से सबक लेकर सभी को एकजुटता से आगे बढऩे की जरूरत है। अशोक तंवर ने बताया कि चुनाव परिणाम के बाद बूथ स्तर पर कांग्रेस को मिले वोट का आंकलन किया जा रहा है। इसके साथ ही फीडबैक बैठकों का आयोजन भी शुरू हो चुका है। इन बैठकों में मिलने वाले फीडबैक के आधार पर रिपोर्ट तैयार करके हाईकमान को भेजी जाएगी। जिसके बाद कोई फैसला पार्टी हाईकमान द्वारा किया जाएगा।
कार्यकर्ताओं का अपमान न करें नेता
कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर ने संगठन की कमी के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि इस चुनाव में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पूरी मेहनत की है। उन्होंने स्वीकार किया कि ब्लाक व जिला स्तर पर संगठन का अभाव हो सकता है लेकिन प्रदेश में प्रकोष्ठों, सहयोगी संगठनों द्वारा नियमित रूप से काम किया जा रहा है। इस चुनाव में सोशल मीडिया, मीडिया, महिला प्रकोष्ठ व युवा प्रकोष्ठ समेत अन्य विंगों के करीब दस हजार कार्यकर्ताओं ने पूरी मेहनत व ईमानदारी के साथ काम किया है, जिसके बल पर कांग्रेस को 28.42 फीसदी वोट मिला है। पार्टी के नेता संगठन के विरूद्ध बयान देकर चुनाव में काम करने वाले कार्यकर्ताओं का अपमान कर रहे हैं, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।