25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस
हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस (World malaria day) मच्छरों से फैलने वाली इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। इस साल का विषय है “एक समान दुनिया के लिए मलेरिया (Malaria) के खिलाफ लड़ाई में तेजी लाना” क्योंकि दुनियाभर में बहुत से लोगों को मलेरिया (Malaria) की रोकथाम, जांच और इलाज के लिए अच्छी, समय पर मिलने वाली और किफायती सेवाओं तक पहुंच नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार 2022 में मलेरिया से दुनियाभर में लगभग 608,000 लोगों की मौत हुई और 24 करोड़ 90 लाख नए मामले सामने आए।
मलेरिया के फैलने में तापमान वृद्धि अहम भूमिका निभाती है
2022 के लैंसेट अध्ययन में मलेरिया (Malaria) पर पाया गया कि तापमान बढ़ने से मलेरिया का परजीवी तेजी से विकसित हो सकता है और इसलिए मलेरिया (Malaria) का फैलना और बोझ बढ़ सकता है। सिर्फ 2-3 डिग्री सेल्सियस का बढ़ना भी मलेरिया की चपेट में आने वाली आबादी को 5 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है, यानी 70 करोड़ और लोग इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।
मानसून और पूर्व-मानसून के मौसम में मलेरिया का खतरा बढ़ जाता है
“जलवायु परिवर्तन (Climate change) खासकर जून से नवंबर तक मानसून और पूर्व-मानसून के मौसम में मलेरिया (Malaria) फैलने के पैटर्न को बदलने में अहम भूमिका निभाता है। बारिश होने से पानी भर जाता है और ठहरा हुआ पानी जमा हो जाता है, जो मलेरिया के परजीवी ले जाने वाले मादा एनोफिलीज मच्छरों के पनपने के लिए उपयुक्त जगह बना देता है। इस दौरान तालाबों में मच्छरों के पनपने के कारण मलेरिया के मामलों में बढ़ोत्तरी देखी गई है,” वडोदरा के भाईलाल अमीन जनरल अस्पताल के सलाहकार चिकित्सक डॉ मनीष मित्तल ने आईएएनएस को बताया। यह भी पढ़ें- गर्मियों में मच्छरों को दूर भगाने के 5 प्राकृतिक घरेलु प्रभावी तरीके उन्होंने बताया कि, “मलेरिया के प्रभाव को कम करने के लिए जल्दी पता लगाना और इलाज बहुत जरूरी है। इससे लोगों में जागरूकता बढ़ेगी और वे बुखार के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से जांच करवाएंगे।”
फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने हालिया अध्ययन में पाया कि विभिन्न मच्छरों और परजीवी गुणों का तापमान के साथ बदलता हुआ रिश्ता होता है और भविष्य में तापमान बढ़ने पर कुछ वातावरणों में मलेरिया फैलने की आशंका बढ़ सकती है जबकि कुछ जगहों पर कम हो सकती है।
नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में यह भी बताया गया है कि परजीवी ठंडे तापमान में जल्दी विकसित हो सकते हैं और परजीवी के विकास की दर तापमान में बदलाव के प्रति उतनी संवेदनशील नहीं हो सकती है, जितना पहले सोचा जाता था।
व्यक्तिगत बचाव के तरीके भी मलेरिया से बचाव में कारगर
“इसका मुख्य उपाय निर्माण स्थलों के आसपास पानी जमा न होने देना है और वहां से जल्दी पानी निकालना है। इसके अलावा घरों में पानी जमा होने वाली चीजों जैसे गमलों और टायरों को फेंक देना चाहिए और यात्रा करते समय ढंके रहना चाहिए,” मुंबई के होली फैमिली अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ राजीव बौधंकर ने आईएएनएस को बताया। डॉ मनीष ने मच्छर भगाने वाली दवाओं और मच्छरदानी जैसे बचाव के तरीकों को अपनाने पर भी जोर दिया।