घटना की सूचना पर उन्होंने सूचनाकर्ता जगदीश, मृतक के भाई मुन्नालाल, पत्नी नांगीबाई, साक्षी, रामकृष्णा, साबूलाल, मंशाराम के कथन लिए थे। जांच में मृतक की धारदार हथियार से हत्या होने की बात सामने आई। पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ धारा ३०२, २०१ भादवि का मामला कायम किया था। इसके बाद उन्होंने एसपी, एएसपी, एसडीओपी के मार्गदर्शन में पुलिस टीम का गठन किया। टीम गत 11 अक्टूबर को गांव में पूछताछ करने के लिए पहुंची। जहां पर विशेष सूत्रों से पता चला कि मृतक विसनलाल कोरकू एवं रामप्यारीबाई के अवैध संबंध थे। घटना वाले दिन महिला का पति ओझाराम बाहर मजदूरी करने के लिए गया था। विसनलाल महिला के घर आने की जानकारी मिलने पर टीम ने महिला के घर की तलाशी ली तो घर के तीन कमरे गोबर से लिपे हुए मिले। शक पर पुलिस ने महिला से सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूला।
महिला रामप्यारीबाई ने बताया कि गत 10 अक्टूबर की रात 11 बजे विसनलाल उसके घर आया था, जिससे परेशान होकर उसने विसनलाल की कुल्हाड़ी से गर्दन पर तीन वार किए थे। इसके कारण उसकी मौत हो गई थी। मृतक की लाश को ठिकाने लगाने के लिए उसने उसकी सास रिचायबाई खेत पर बने टप्पर पर गई थी। इसके बाद दोनों ने शव को गोदड़ी में उठाकर उसे नंदकिशोर के खेत में छिपाकर आ गए थे। पुलिस ने आरोपिया रामप्यारी बाई की निशानदेही पर हत्या में उपयोग की गई कुल्हाड़ी अन्य सामान जब्त किया। वहीं आरोपिया रामप्यारीबाई और उसकी सास रिचायबाई को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। हत्या की गुत्थी सुलझाने में थाना प्रभारी निमोदा, सहायक उप निरीक्षक नूर पठान, प्रधान आरक्षक आशीष तिरोल्या, भगवानदास यादव, प्रदीप रघुवंशी, अभयसिंह मवासे, आरक्षक उमेश धुर्वे, कांती धुर्वे, सैनिक श्रीराम ने महती भूमिका निभाई।