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कोर्ट ने संविदा कार्मिक के हक में सुनाया फैसला

locationहनुमानगढ़Published: Nov 21, 2018 12:08:57 pm

Submitted by:

Purushottam Jha

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कोर्ट ने संविदा कार्मिक के हक में सुनाया फैसला

संविदा पर लगे कम्प्यूटर प्रोग्रामर/एमआईएस मैनेजर को नियमित के समान वेतन देने के लिए कोर्ट ने किया पाबंद
पंचायतीराज विभाग को आदेश जारी कर पालना के लिए चार सप्ताह का दिया समय
हनुमानगढ़. प्रदेश के विभिन्न जिलों में संविदा पर लगे कम्प्यूटर प्रोग्रामर/एमआईएस मैनेजर को अब नियमित कर्मचारियों के समान न्यूनतम वेतन मिलने की उम्मीद जगी है। हाल ही में राजस्थान हाइकोर्ट जोधपुर ने पंचायतीराज विभाग में लगे संविदा कार्मिक के हक में फैसला सुनाते हुए राहत देने का प्रयास किया है। इस तरह भविष्य में सभी संविदाकार्मिकों को नियमित कर्मचारियों की तरह वेतन मिलने की अब उम्मीद जगी है। बताया जा रहा है कि जिला परिषद उदयपुर में कार्यरत कम्प्यूटर प्रोग्रामर/एमआईएस मैनेजर परिन रावल इस संबंध में हाइकोर्ट गए थे। याचिका में बताया गया था कि संविदा पर लगे कम्प्यूटर प्रोग्रामर/एमआईएस मैनेजरों को १३ से १५ हजार रुपए का वेतन ही मिल रहा है। जबकि नियमित रूप से नियुक्ति पाने वाले एमआईएस मैनेजरों को अधिक वेतन दिया जा रहा है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता रमेश कुमार प्रजापत ने दलील प्रस्तुत कर न्यायालय को अवगत करवाया कि प्रार्थी एक सितम्बर २००७ से कम्प्यूटर प्रोग्रामर/एमआईएस मैनेजर पद पर कार्यरत है। लेकिन उसे अभी तक अल्प मानदेय मिल रहा है। साथ ही बताया कि सर्वोच्च न्यायालय की ओर से स्टेट ऑफ पंजाब बनाम जगजीत सिंह के निर्णय के अनुसार संविदा कार्मिकों को भी नियमित कर्मचारी के पद का वेतन देने का आदेश पारित किया गया। तथ्यात्मक दस्तावेजों को जांचने के बाद हाइकोर्ट ने अब याचिकाकर्ता की याचिका को स्वीकार कर ग्रामीण विकास विभाग एवं पंचायतीराज जयपुर, कलक्टर उदयपुर तथा जिला परिषद सीईओ को चार सप्ताह के अंदर आदेश की पालना कर प्रार्थी को कम्प्यूटर प्रोग्रामर/एमआईएस मैनेजर पद पर नियमिति कर्मचारी की तरह न्यूनतम वेतन देने का आदेश पारित किया। साथ ही निश्चित तारीख तक आदेश की पालना करवाने के लिए पाबंद किया। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता रमेश कुमार प्रजापत ने बताया कि हालांकि अभी हाइकोर्ट ने केवल याचिकाकर्ता को राहत देने का फैसला सुनाया है। लेकिन दूसरे संविदा कर्मचारी भी यदि कोर्ट जाएंगे तो उन्हें राहत मिल सकता है। कोर्ट के आदेश पर अब संविदा पर लगे कम्प्यूटर प्रोग्रामर/एमआईएस मैनेजर को ३२ से ३५ हजार रुपए का वेतन मिल सकता है। दूसरी तरफ पंचायतीराज विभाग से जुड़े कर्मचारियों का कहना है कि यदि उदयपुर जिला परिषद के लिए पंचायतीराज विभाग कोई निर्णय लेती है तो उसकी पालना संपूर्ण राज्य में करवाने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। क्योंकि एक पद के लिए अलग-अलग नियम तो लागू हो नहीं सकता। फिलहाल १४ नवम्बर २०१८ को हाइकोर्ट जोधपुर की ओर से जारी आदेश की पालना यदि होती है तो निश्चित तौर पर दूसरे जिलों में लगे संविदा कार्मिकों को भी इसका लाभ मिल सकेगा।
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