प्लेटफार्म एक पर मैकेनिकल लॉंन्ड्री के पीछे जहां बनना है नया आरआरआई केबिन।
3000 हजार करोड़ का पूरा प्रोजेक्ट |
तीसरी लाइन के लिए 162 किमी में 185 ब्रिज बनेंगे |
कार्य पूरा होगा 2022-23 |
छोटे ब्रिज 165 |
बड़े ब्रिज 15 |
गार्डर ब्रिज 05 |
बड़े पुल चंबल, सिंध के आसपास बनाए जा रहे हैं। |
मार्च 2020 तक 40 किमी का काम पूरा
162 किमी लाइन में से लगभग 20 स्टेशन हैं। इसका 40 किमी हिस्सा रेल विकास निगम तैयार करेगा। निगम इसे मार्च 2020 तक पूरा कर देगा। कंपनी हर साल 50-50 किमी का ट्रैक तैयार करेगी। इसके लिए कई छोटे-छोटे गांवों में रास्तों को समतल किया जा रहा है।
माउस के क्लिक से ऑपरेट होंगी ट्रेन
वर्तमान आरआरआई केबिन में रूट रिले इंटरलॉकिंग व्यवस्था है। इसमें स्टेशन मास्टर हाथ से बटन दबाकर ट्रेनों का संचालन करते हैं। नए तीन मंजिला बिल्डिंग में अत्याधुनिक आरआरआई सेटअप लगेगा। इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग वाले सेटअप में माउस के क्लिक से ट्रेन ऑपरेट होंगी।
प्लेटफार्म चार के पास बना आरआरआई केबिन जो होगा शिफ्ट।
नया भवन तीन मंजिला होगा
चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर अतुल निगम ने बताया की तीसरी लाइन को लेकर कई स्टेशनों पर काम दिखने लगा है। अब ग्वालियर रेलवे स्टेशन से आरआरआई केबिन को बनाने के लिए काम इस हफ्ते से शुरू हो जाएगा। नया भवन तीन मंजिला होगा। इसमें अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाएगा।