सरकार की ओर से प्रतिबंधित की गई दवाओं में ज्यादातर ऐसी दवाएं हैं जिनको सॉल्ट मिलाकर बनाया जाता है। ऐसी पूर्व निर्धारित मिश्रण वाली दवाओं के प्रयोग से लोगों को नुकसान हो रहा था। इनके कारण कई तरह की गंभीर बीमारियां होने की आशंका बढ़ती जा रही थी। साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम होती जा रही थी। इसके चलते उक्त सॉल्ट युक्त दवाओं की सूची जारी कर इन्हें प्रतिबंधित कर दिया गया है।
यदि जांच के दौरान मेडिकल स्टोर पर इस तरह की प्रतिबंधित दवाएं मिलती हैं तो संबंधित व्यक्ति पर 50 हजार रुपए का जुर्माना व एक साल की सजा का प्रावधान है। लाइसेंस जारी करना बंद हो
भारत सरकार की ओर से पूर्व में भी कॉम्बीनेशन दवाओं को प्रतिबंधित किया गया था जिसके खिलाफ कंपनियों को कोर्ट से राहत मिल गई थी। ऐसी स्थिति में दवाओं को प्रतिबंधित करने के बजाय ऐसी दवाओं के लाइसेंस ही जारी कर देना बंद कर देना चाहिए।
– विष्णु सिंघल, अध्यक्ष, ग्वालियर कैमिस्ट एंड डिस्ट्रीब्यूटर फेडरेशन
कुछ कंपनियों को अभी भी स्टे मिल गया है और 9 अक्टूबर को उनकी सुनवाई की जानी है। फिर भी जिन कंपनियों के साथ ऐसा नहीं हैं और उन्हें प्रतिबंधित किया गया है उनकी दवाओं को बिकने नहीं दिया जाएगा। यदि बिक्री होती है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
– अजय ठाकुर, ड्रग इंस्पेक्टर, खाद्य एवं औषधि विभाग