script1.15 करोड़ के कंप्यूटर बने शोपीस, स्टाफ को सॉफ्टवेयर समझ में नहीं आया | 1.15 crore computer made showpiece, staff did not understand software | Patrika News
ग्वालियर

1.15 करोड़ के कंप्यूटर बने शोपीस, स्टाफ को सॉफ्टवेयर समझ में नहीं आया

अब इन कंप्यूटरों में विंडो अपलोड कराया जाएगा, ताकि कर्मचारी काम कर सकें। इसके अलावा प्रबंधन ने जरूरत न होने पर वरिष्ठ अधिकारियों को देने के लिए 55 लैपटॉप खरीदने की भी औपचारिकता कर ली है।

ग्वालियरJul 15, 2019 / 01:06 am

Rahul rai

ju,

1.15 करोड़ के कंप्यूटर बने शोपीस, स्टाफ को सॉफ्टवेयर समझ में नहीं आया

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में डेढ़ साल पहले अध्ययनशालाओं की डिमांड पर 1 करोड़ 15 लाख रुपए के 288 कंप्यूटर खरीदे गए। इन कंप्यूटर्स में लाइनैक्स सॉफ्टवेयर अपलोड किया गया है, जो कर्मचारी और ऑपरेटर्स की समझ में नहीं आया है। इससे अध्ययनशालाओं में यह कंप्यूटर शोपीस बनकर रह गए हैं। अब इन कंप्यूटरों में विंडो अपलोड कराया जाएगा, ताकि कर्मचारी काम कर सकें। इसके अलावा प्रबंधन ने जरूरत न होने पर वरिष्ठ अधिकारियों को देने के लिए 55 लैपटॉप खरीदने की भी औपचारिकता कर ली है।
यहां पहुंचे कंप्यूटर अभी तक नहीं चालू
-जेयू द्वारा खरीदे गए 288 कंप्यूटरों में से हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन एंड मैनेजमेंट विभाग को 15, ईलाउंज (इलेक्ट्रॉनिक लाइब्रेरी) विभाग को 50, फार्मास्युटिकल्स साइंस विभाग को 15 और यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन को 10, कैमिस्ट्री विभाग को 10, कंप्यूटर साइंस विभाग को 25, बायोइंफोर्मेटिक्स विभाग को 15, कॉमर्स विभाग को 8, इंडस्ट्रियल कैमिस्ट्री विभाग को 8, डिस्टेंस एजुकेशन विभाग को 5, अर्थ साइंस विभाग को 8, बायोकैमिस्ट्री विभाग को 8, फूड टेक्नोलॉजी विभाग को 8, बायोटेक्नोलॉजी विभाग को 5, बॉटनी विभाग को 5, बिजनेस इकोनोमिक्स विभाग को 5, पुरातन इतिहास विभाग को 5, इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी विभाग को 4, एनवायरनमेंट कैमिस्ट्री विभाग को 3, ईथनोबायोलॉजी विभाग को 1, हिस्ट्री विभाग को 5 पहुंचाए जा चुके हैं।
55 लैपटॉप खरीदे
प्रबंधन ने प्रोफेसर और अधिकारियों को देने के लिए 55 लैपटॉप खरीदे हैं। इन पर 27.50 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। यह खरीद अधिकारियों को अपडेट करने के लिए की जा रही है। खास बात यह है कि एक ओर तो यूनविर्सिटी के पूरे मैनेजमेंट को निजी कंपनी के हवाले किया जा रहा है, दूसरी ओर 50 हजार से डेढ़ लाख रुपए तक का वेतन पाने वाले प्रोफेसर और अधिकारियों को लैपटॉप देकर अपडेट करने की बात की जा रही है। जब कंपनी ही सारा काम कर रही है तो लैपटॉप क्यों दिए जा रह हैं?
एलसीडी-प्रोजेक्टर की फाइल में बदलाव
जीवाजी विश्वविद्यालय प्रबंधन 50 एलसीडी-प्रोजेक्टर और स्क्रीन खरीद रहा है। प्रोजेक्टर खरीदने के लिए विवि ने जो निविदा जारी की थी, उसमें 1500 ल्यूमिनस की खरीद का ब्यौरा दिया गया था और इसके लिए कीमत लगभग 65 हजार रुपए रखी गई थी। जब इसका विरोध शुरू हुआ तो अब दोबारा से विड जारी की गई है, जिसमें 3500 ल्यूमिनस की खरीद का ब्यौरा दिया गया है। विवि के अधिकारियों ने यह एक खास ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के लिए किया था, लेकिन मामला पब्लिक में आने के बाद अब दस्तावेजी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं, ताकि कोई आपत्ति न करे।
रूसा की राशि से कंप्यूटरों की खरीद की गई है। सभी अध्ययनशालाओं में इन्हें प्रदाय कर दिया गया है। जहां तक प्री अपलोड सॉफ्टवेयर के संचालन की समस्या है तो उसमें विंडो सिस्टम अपलोड कराया जाएगा, ताकि कर्मचारी आसानी से काम कर सकें।
शांतिदेव सिसोदिया, जनसंपर्क अधिकारी-जीवाजी यूनिवर्सिटी

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