जानकारी के मुताबिक सरकार के आदेश के क्रम में नगर पालिका ने 18 सितंबर को अखबारों के माध्यम से सार्वजनिक सूचना जारी कर दी। जिसमें बकायदा नियम तोडऩे वालों पर जुर्माने का प्रावधान भी रखा गया था। लेकिन तब से लेकर आज तक नगर पालिका प्रशासन ने उक्त आदेश का पालन धरातल पर नहीं कराया है। यही वजह है आज भी बाजार में प्रतिबंधित पॉलीथिन उपयोग में लाई जा रही है। वहीं नगर की मुख्य सड़कों से लेकर वार्डों में खुले में न सिर्फ कचरा फेंका जा रहा है बल्कि जलाया जा रहा है।
पत्रिका टीम ने शहर के बाजार में जाकर सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रतिबंध की हकीकत जानी तो सामने आया कि फुटकर विक्रेताओं में सरकार के नए आदेश का खौफ तो है लेकिन उन्हें अपने ग्राहक की भी चिंता सता रही है। क्योंकि पॉलीथिन न देने की स्थिति में उसका ग्राहक वापस जा रहा है और उन्हें आर्थिक हानि हो रही है। वहीं पॉलीथिन विक्रेता स्टॉक में रखी प्रतिबंधित पॉलीथिन इन विक्रेताओं को थमा रहे हैं ताकि समय रहते यह स्टॉक ठिकाने लग जाए।
यह है शासन का नियम
निकाय की सीमा के अंतर्गत सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग, क्रय विक्रय, भंडारण करने एवं प्लास्टिक वेस्ट नियम 2016 के उल्लंघन पर 1 हजार रुपए का न्यूनतम व 5 हजार रुपए का अधिकतम अस्थायी सेवा शुल्क लिया जाना है। लेकिन अब तक प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
यह बोले विक्रेता
प्रशासन ने अभी पुरानी पॉलीथिन को जब्त नहीं किया है। जिसे व्यापारी अभी बेच रहे हैं। इसी का इस्तेमाल दुकानदार कर रहे हैं। हालांकि विक्रेताओं में जुर्माने का डर है इसलिए वह पहले किसी भी ग्राहक को पॉलीथिन नहीं देते।
रामबाबू सिंह, सब्जी विक्रेता
प्रशासन ने अभी सख्ती नहीं बरती है। जिससे बाजार में अभी भी पतली वाली पॉलीथिन आसानी से मिल रही है। लोगों को भी अभी घर से थैला लेकर आने की आदत नहीं पड़ी है। मजबूरी में ग्राहक वापस न लौटे तब ही हम पॉलीथिन में सामान देते है।
मोहन बंशकार, फल विक्रेता
यह बोले जिम्मेदार
अभी हम लोगों को जागरुक करने के काम में लगे हुए हैं। जल्द ही छापामार कार्रवाई कर प्रतिबंधित पॉलीथिन को जब्ती की कार्रवाई अंजाम देंगे।
संजय श्रीवास्तव, सीएमओ नगर पालिका गुना