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गोरखपुर

यूपी के मुख्यमंत्री ने पिछले 45 दिनों में 12 दिन गोरखपुर बिताए, प्रदेश में हैं 75 जिले

विपक्ष कहने लगा- योगी जी कुछ दिन लखनऊ भी गुजारिये

गोरखपुरOct 02, 2018 / 04:57 pm

धीरेन्द्र विक्रमादित्य

Narendra Modi and Yogi Adityanath

नरेन्द्र मोदी और योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पिछले डेढ़ महीने में करीब बारह दिन गोरखपुर में ही रहे हैं। प्रदेश की बिगड़ती कानून-व्यवस्था और बेलगाम होती नौकरशाही की वजह से गोरखपुर आए दिन आ रहे मुख्यमंत्री के प्रवास को लेकर विरोधी अब सवाल खड़े करने लगे हैं।
योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री हुए करीब दो साल होने को है। इस बीच शायद ही कोई ऐसा महीना बचा होगा जब मुख्यमंत्री किसी महीना में गोरखपुर नहीं आए हैं। लोकसभा उपचुनाव के पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का काफी कार्यक्रम गोरखपुर में लगा। मुख्यमंत्री बनने के बाद जिला गोरखपुर में अधिकतर छोटी से बड़ी परियोजनाओं का लोकार्पण/शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ही किया। हालांकि, लोकसभा उपचुनाव में करारी हार के बाद कुछ दिनों तक मुख्यमंत्री का कार्यक्रम गोरखपुर में कम लगा लेकिन इधर बीच एक बार फिर मुख्यमंत्री का गोरखपुर आगमन अधिक हो गया है। कई ऐसा महीना ऐसा रह रहा है जब मुख्यमंत्री तीन से चार बार गोरखपुर प्रवास पर आए।
केवल अगस्त और सितंबर महीने में गोरखपुर में लगे मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों पर अगर गौर करें तो डेढ़ महीने में करीब बारह दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में ही रहे।
अगस्त महीने में बहुचर्चित देवरिया आश्रयगृह कांड के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कार्यक्रम 15 अगस्त को लगा। वे दो दिवसीय प्रवास पर गोरखपुर आए। प्रदेश में वृहद पौधारोपण कार्यक्रम की शुरूआत करने के साथ गोरखपुर में कई सौ करोड़ की परियोजनाओं का उनके द्वारा लोकार्पण/शिलान्यास करना था। हालांकि, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की तबीयत अचानक बिगड़ने की खबर पाकर वे 16 अगस्त को दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 25 अगस्त को गोरखपुर पहुंचे। यहां वे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की अस्थिकलश यात्रा में शिरकत किए। अस्थियों के विसर्जन के दौरान मौजूद रहे।
अगली बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सितंबर के दो तारीख को गोरखपुर पहुंचे। दो दिवसीय प्रवास पर गोरखपुर पहुंचे मुख्यमंत्री ने सौ से ज्यादा करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण/शिलान्यास किया और प्राइवेट एयरलाइन्स के घरेलू उड़ान को हरीझंड़ी दिखाई।
इसके बाद फिर दो दिवसीय प्रवास के लिए मुख्यमंत्री 16 सितंबर को गोरखपुर पहुंचे। इस बार वे 16 व 17 सितंबर को विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। इसमें सबसे प्रमुख पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की याद में आयोजित काव्यांजलि कार्यक्रम था।
फिर मुख्यमंत्री 22-23 सितंबर के लिए दो दिवसीय प्रवास के लिए गोरखपुर पहुंचे। इसबार भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई परियोजनाओं का सौगात के साथ गोरखनाथ मंदिर के ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ महराज व ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ महराज के पुण्यतिथि सप्ताह समारोह में शिरकत भी किया। 26 सिंतबर को भी इसी कार्यक्रम के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत के साथ पहुंचे थे। फिर इसके बाद 28 व 29 सितंबर को मुख्यमंत्री गोरखपुर में दो दिवसीय प्रवास के लिए पहुंचे। इस बार दोनों गुरुओं के पुण्यतिथि सप्ताह समारोह के समापन के लिए वे पहुंचे थे।
अक्तूबर माह में भी तीन अक्तूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो दिनी प्रवास के लिए गोरखपुर आ रहे हैं। इस बार उनका कार्यक्रम गोरखपुर में मंडल के संसदीय सीटों के लिए संचालन समितियों की बैठक में भाग लेने के लिए लगा है।
हालांकि, गोरखपुर में लगातार मुख्यमंत्री के होने और आसपास के जिलों में कार्यक्रम लगने के बावजूद कानून व्यवस्था पर कोई खास प्रभाव नहीं दिखा। सबसे अहम यह कि बेलगाम लालफीताशाही से कई मामलों में सरकार की फजीहत भी हुई।
उधर, विरोधियों का मानना है कि गोरखपुर मिनी राजधानी होने और आए दिन गोरखपुर में रहने के बावजूद यहां के कानून-व्यवस्था में न कोई सुधार दिख रहा। कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता व विधायक अजय कुमार लल्लू का कहना है कि मुख्यमंत्री प्रदेश को संभालने की बजाय अपने संसदीय क्षेत्र में लगे हुए हैं। प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से फेल है। उनके क्षेत्र में ही अपराध का ग्राफ बेतहाशा बढ़ा है।
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