बता दें कि गंभीर रूप से दातों का क्षय हो जाने के कारण के डॉक्टर ने राहेल जॉनस्टन नामक विकलांग महिला के दांतों का अक्टूबर में ऑपरेशन किया था। यह समूची प्रक्रिया वोरस्टरशायर में सामुदायिक दंत चिकित्सा सेवा केंद्र में सम्पन्न हुई थी। लेकिन उसके बाद महिला की मृत्य हो गई। डॉक्टर ने अपने बयान में कहा है कि उसने महिला के सभी दांत निकालना जरूरी समझा क्योंकि उसके सभी दांत बेकार हो गए थे। बीबीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि 49 वर्षीय महिला को छुट्टी मिलने के कुछ घंटों बाद अस्पताल में उसे जीवन-समर्थन मशीन पर डाल दिया गया। उसने लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर कई दिन बिताए । लाइफ सपोर्ट पर डालने से पहले डॉक्टरों ने महिला के परिवार को बताया गया था कि उन्हें बचाने के लिए केवल दवाएं काम नहीं कर सकतीं।
इस महिला की मौत के बाद आरोपी डॉक्टर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। दो और मामलों में डॉक्टर पर ऐसी ही आरोप लगाए गए हैं। आरोप है कि ऐसे ही दो अन्य मामलों में डॉक्टर ने माता-पिता को बिना सूचित किए दो बच्चों के सभी दांत निकाल दिए। उधर वोरस्टरशायर स्वास्थ्य और जन कल्याण देखभाल ट्रस्ट, जो दंत चिकित्सा सेवा चलाता है, उसने जोर देकर कहा है कि वह कमजोर मरीजों के लिए सही प्रक्रियाओं का पालन करता है। वोरस्टरशायर के तीन क्लीनिकल कमीशन समूह जॉन्सटन की मृत्यु की जांच कर रहे हैं।
ब्रिटेन में इस घटना के सामने आते ही हड़कंप मच गया है। लोग इस घटना के विरोध में सड़कों पर उतर गए हैं। इस अस्पताल के बारे में लोगों ने कहा है कि उन्हें अक्सर विकलांग रोगियों के बारे में अधिक जानकारी नहीं दी जाती। दंत चिकित्सकों को किसी व्यक्ति के मुंह से सभी दांत निकालने से बचना चाहिए। यूके में लोगों का कहना है कि ऐसी स्थिति कभी नहीं होनी चाहिए जहां इस तरह का एक्स्ट्रीम उपचार दिया जाता हो। बता दें कि ब्रिटेन में नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा प्रणाली है।
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