एसएसपी अशोक कुमार त्रिपाठी का यह ऐसा कार्य है जिसको वह अपनी टीम के साथ मिलकर के करने में सक्रियता से जुटे हुए हैं। नतीजे के तौर पर उनको खासी कामयाबी भी इसमें मिली है क्योंकि उनके साथ काम करने वाले सभी के सभी जन उनके इस मिशन को मुकाम तक पहुंचाने में तत्परता से जुटे हुए हैं ।
अलग रह रहे पति-पत्नियों को मिलाने में जुटी पुलिस
इटावा के एसएसपी अशोक कुमार त्रिपाठी जब से यहां पर तैनात हुए तब से परिवारिक विवाद और अनबन के चलते अलग चल रहे पति-पत्नियों को मिलाने का भी काम करने में जुटे हुए हैं। इसके लिए बकायदा एक टीम का सृजन किया गया है। जिसमें कई महत्वपूर्ण लोगों को शामिल किया गया है। यह टीम किसी वजह से अलगांव का दंश झेल रही महिला और पुरुषों के बीच में न केवल वार्तालाप करवाती है बल्कि उन को एकजुट रहने के लिए भी प्रेरित करती है। नतीजे के तौर पर लंबे समय से छोटी-छोटी बातों से न खुश होकर के अलग रह रहे हैं। जनपद पुलिस द्वारा पति-पत्नियों को भी मिलाने का काम किया जा रहा है।
यह काम अकेले इटावा के एसएसपी अशोक कुमार त्रिपाठी का नहीं कर रहे हैं। उनके साथ महिला इंस्पेक्टर न केवल शामिल है बल्कि उनके थाने की अन्य सहयोगी महिला पुलिसकर्मी भी शामिल है। कई समाज सेवी संगठन से जुड़े हुए पदाधिकारी भी शामिल हैं लेकिन पुलिस विभाग के मुखिया होने के नाते इसका श्रेय एसएसपी अशोक कुमार त्रिपाठी के खाते में जाना लाजमी है।
अलग-अलग परिवारों को जोड़ने का चल रहा काम
इटावा के एसएसपी अशोक कुमार त्रिपाठी बताते हैं कि पिछले 5 महीने में कम से कम 150 के आस पास ऐसे महिला और पुरुषों के बीच में संवाद कराया गया और जो नाराजगी या दोनों के बीच किसी वजह से अनबन थी। उनको दूर कराने के बाद में सामंजस्य के माध्यम से एक साथ रहने के लिए दोनों को रजामंद कर लिया गया। यह एक बेहद सुखद बात मानी जा रही है क्योंकि जिन परिवारों का मिलन कराया गया है। वह परिवार एक लंबे समय से किसी न किसी कारण से अलग रह रहे थे और इसके वजह से दोनों परिवार तनाव में जिंदगी बसर कर रहे थे लेकिन महिला थाने और समाज सेवी संगठनों के पदाधिकारियों की पहल के नतीजे के तौर पर ऐसा संभव हो सका है। अब 150 की संख्या वाले परिवार एक साथ मिलकर के खुशी-खुशी अपने जीवन का यापन करने में जुटे हुए हैं।
महिला परार्मश केंद्र के वरिष्ठ सदस्य इटावा के के कालेज के इतिहास विभाग के प्रमुख डा.शैलेंद्र शर्मा का कहना है कि समाज में छोटे – छोटे कारणों से टूटते हुए परिवार और उनके झगड़ों के मध्य बिलखते बच्चे, कराहता बचपन, असहाय माता – पिता किसी भी संवेदनशील व्यक्ति को झकझोर कर रख देते हैं। ऐसे परिवारो के बीच मतभेद दूर करवा कर समझौते कराने में हम सफल हो कर अपने आप को गौरान्ववित महसूस कर रहे है।
परिवारों को जोड़ने में जुटे लोग
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अशोक त्रिपाठी , अपर पुलिस अधीक्षक रामबदन सिंह, एसपी सिटी डा.रामयश सिंह, पुलिस उपाधीक्षक डा. अंजनी चतुर्वेदी , इंस्पेक्टर सुभद्रा वर्मा आदि विभिन्न अधिकारियों की गरिमामय उपस्थिति ने मित्र पुलिस की भूमिका का निर्वहन करके इन बिखरे परिवारों को जोड़ने में अप्रतिम मदद करने मे जुटे हुए है। उनका कहना है कि जिन महिला पुरूषों को पारिवारिक महत्व के बारे में समझाया उसके बाद उन्होंने आपसी मनमुटाव भुलाकर साथ-साथ रहने को तैयार हो गए और खुशी खुशी अपने घर चले गए। फिलहाल ऐसे परिवारों की ओर से कोई शिकायत दोबारा नहीं आ रही है।