राजधानी जयपुर में रोडवेज श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चे ने अपनी मांगों को लेकर रैली निकालना चाहा, लेकिन कानून व्यवस्था का हवाला देकर पुलिस ने इसकी अनुमति नहीं दी। इस पर कर्मचारियों ने जयपुर केन्द्रीय बस अड्डे पर ही प्रदर्शन कर अपनी मांगे शीघ्र मानने की मांग की। उधर राज्य सरकार ने रोडवेज कर्मचारियों के नेताओं को वार्ता के लिए नहीं बुलाया।
इसी तरह जोधपुर में संयुक्त मोर्चा की ओर से राइका बाग स्थित केंद्रीय बस स्टैंड पर जारी धरना और चक्काजाम के तहत प्रदर्शन किया गया। उल्लेखनीय है कि सातवां वेतनमान देने, नई बसों की खरीद, नई भर्ती करने और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को परिलाभ देने सहित विभिन्न मांगों को लेकर रोडवेज कर्मचारी गत सत्रह सितंबर से हड़ताल पर चले गए। इससे रोडवेज को करोड़ों का घाटा उठाना पड़ रहा हैं।
जयपुर शहर की लाइफलाइन कही जाने वाली लो-फ्लोर बसों की हड़ताल के कारण अब आम जनता के साथ विद्यार्थियों को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। छह दिन से चल रही Chakkajam हड़ताल से अब शहर में परिवहन व्यवस्था चरमराने लगी है। सुबह से शाम तक राजधानी के बस स्टैंडों पर यात्रियों की कतारें दिखाई देने लगी हैं। मजबूर यात्री महंगे दामों में निजी मिनी बसों, ऑटो और कैब का सहारा ले रहे है। शहर में हजारों की तादाद में विद्यार्थी, नौकरी पेशा और अन्य लोग विभिन्न रुटों से इन लो-फ्लोर बसों में सफर करते है। निजी बस चालक लालच के कारण सवारियों को गेट पर लटकाकर सुरक्षा के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं। JCTSL प्रबंधन और सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के विरोध में 24 मांगों को लेकर जेसीटीएसएल कर्मचारियों के संयुक्त मोर्चे की ओर से छह दिन से यह हड़ताल की जा रही है।
-280 बसें (नगरीय, उपनगरीय लो-फ्लोर)
-50000 युवा करते हैं रोजाना सफर
-3 लाख यात्री रोजाना करते हैं सफर
-24 लाख के राजस्व का नुकसान रोजाना यहां ज्यादा भीड़
गांधी नगर रेलवे स्टेशन, जगतपुरा, मालवीय नगर, टोंक रोड, लाल कोठी, अजमेरी गेट, सांगानेरी गेट, प्रतापनगर, सांगानेर, दुर्गापुरा, गोपालपुरा, गुर्जर की थड़ी, ट्रांसपोर्ट नगर, झोटवाड़ा, वैशालीनगर सहित अन्य जगहों पर कोचिंग और कॉलेज अधिक होने से विद्यार्थियों की भीड़ दिखाई दी। काफी देर के इंतजार के बाद जैसे-तैसे मिनी बस मिली और सफर किया।