31 सदस्यीय स्टैंडिंग कमेटी आॅन फाइनेंस के सामने पटेल ने कहा कि वैश्वविक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में कटौती से अर्थव्यवस्था को राहत मिली है। जब संसदीय समिति के सदस्यों ने आरबीआर्इ रिजर्व खजाने पर सवाल उठाया तो गवर्नर ने कहा कि वो 10 दिनों के अंदर लिखित तौर पर समिति को अपना जवाब सौपेंगे। बताते चलें की इससे पहले भी संसदीय समिति ने रिजर्व बैंक को तलब किया था जिसमें नोटबंदी, बैंकों के एनपीए समेत कर्इ अहम मुद्दों पर अपना पक्ष रखने को कहा था।
पिछले दिनों सेक्शन 7 का सरकार द्वारा इस्तेमाल किए जाने को उठे सवालों पर भी उर्जित पटेल ने अपन जवाब दिया। पटेल ने उन सवालों को स्पष्ट किया जिनमें आरबीआर्इ एक्ट के कभी भी इस्तेमाल नहीं किए सेक्शन 7 के तहत विशेष शक्तियों का आह्वाहन किया गया था या नहीं। साथ में उन्होंने यह भी कहा कि इसको लेकर वो लिखित जवाब 10 दिनों के अंदर देंगे।
क्या है सेक्शन 7?
भारतीय रिजर्व बैंक सरकार से स्वतंत्र एक इकाई है क्योंकि यह अपने फैसले खुद लेता है। हालांकि, कुछ मामलों में इसे सरकार को भी सुनना है। आरबीआई एक्ट के तहत यह प्रावधान सेक्शन 7 में निहित है जो कि कुछ इस प्रकार है।
1. इस सेक्शन के तहत केंद्र सरकार के पास समय-समय पर आरबीआर्इ को दिशा-निर्देश देने का अधिकार होता है। लेकिन इसके लिए सरकार को जनहित को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय बैंक के गवर्नर से बात करनी होती है।
2. इस तरह के किसी भी दिशा के अधीन, बैंक के मामलों और व्यापार की सामान्य अधीक्षण और दिशा को केंद्रीय निदेशक मंडल को सौंपा जाएगा जो सभी शक्तियों का उपयोग कर सकता है। इसके साथ ही बैंक अपने तरफ से किए जाने वाले सभी कार्यों को कर सकता है।
3. गवर्नर के अनुपस्थिति में डिप्टी गवर्नर को केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करना हाेगा। डिप्टी गवर्नर के पास भी वो सभी अधिकार मौजूद होंगे जो गवर्नर होंगे ।