scriptजानिए क्या है कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से भारत के महंगार्इ बढ़ने का गणित | Know Hike In curde oil prices will impact inflation | Patrika News
कारोबार

जानिए क्या है कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से भारत के महंगार्इ बढ़ने का गणित

कच्चे तेल की कीमतो में तेजी से महंगार्इ दर, राजकोषिय घाटा, जैसे कर्इ मैक्रो-स्टेबिलीटी पैरामीटर्स में इस तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है।

नई दिल्लीJan 07, 2019 / 02:35 pm

Ashutosh Verma

Crude Oil

जानिए क्या है कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से भारत के महंगार्इ बढ़ने का गणित

नर्इ दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में अचानक आर्इ तेजी से भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लग सकता है। महंगार्इ दर, राजकोषिय घाटा, जैसे कर्इ मैक्रो-स्टेबिलीटी पैरामीटर्स में इस तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है। चूंकि, भारत में कुल जरूरत का 80 फीसदी कच्चा तेल आयात किया जाता है, एेसे में वैश्विक बाजार में कच्चे तेल का भाव भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए परेशानियां खड़ी कर सकता है।


2018 में अप्रैल से सितंबर तक कच्चे तेल के भाव में अार्इ थी तेजी

राजकोषीय घाटे के अतिरिक्त, कच्चे तेल के भाव में तेजी से महंगार्इ आैर वित्तीय घाटे भी बढ़ने की आशंका है। अप्रैल से सितंबर 2018 के बीच अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में 12 फीसदी का इजाफा हुआ है। साल के मध्य में आर्इ इस तेजी का सबसे बड़ा कारण डिमांड था। हालांकि इसके लिए कुछ हद तक वैश्विक ग्रोथ आैर जियोपाॅलिटिकल रिस्क भी जिम्मेदार रहे। लेकिन नंवबर 2018 के बाद से कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिली।


क्या है कच्चे तेल की कीमतों से महंगार्इ बढ़ने का गणित

इस मामले से जुड़े एक जानकार का कहना है, “कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से राजकोषीय घाटा बढ़ जाएगा। एेसे में इस बढ़ोतरी से राजकोषीय घाटे आैर जीडीपी अनुपात को भी झटका लग सकता है।” इसके पहले जब कच्चे तेल का भाव 85 बैरल प्रति डाॅलर पर था, तब भारत का राजकोषीय घाटा 106.4 अरब डाॅलर था जोकि कुल जीडीपी का 3.61 फीसदी था। इस प्रकार देखें तो कच्चे तेल के भाव में हर 10 डाॅलर प्रति बैरल की बढ़ोतरी से देश के राजकोषीय घाटे पर 12.5 अरब डाॅलर का बोझ बढ़ जाता है जो कि कुल जीडीपी का 43 बेसिस प्वाइंट है। हम यह भी कह सकते हैं कि कच्चे तेल की कीमतों में हर 10 डाॅलर की बढ़ोतरी से राजकोषीय घाटे आैर जीडीपी अनुपात पर 43 बेसिस प्वाइंट का असर पड़ता है।


सरकार पर निर्भर करता है कि कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से कितनी बढ़ेगी महंगार्इ

इस बारे में किए गए रिसर्च से पता चलता है कि कच्चे तेल के भाव में तेजी से महंगार्इ बढ़ेगी। खासकर तब, जब इसका सीधा असर ग्राहकों को पहुंचाया जाता है। एेसे में यदि सरकार तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का बोझ सीधा अाम लाेगों तक पहुंचाती है तो हर 10 डाॅलर प्रति बैरल का महंगार्इ पर 43 बेसिस प्वाइंट का असर पड़ेगा। हालांकि, महंगार्इ आैर वित्त घाटे पर इसका कितना असर देखने को मिलता है, यह इस बात पर निर्भर करता है सरकार र्इंधन पर लगने वाले टैक्स आैर सब्सिडी में क्या बदलाव करती है।

Read the Latest Business News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले Business news in hindi की ताज़ा खबरें हिंदी में पत्रिका पर।

Home / Business / जानिए क्या है कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से भारत के महंगार्इ बढ़ने का गणित

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो