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GST Meeting: कारोबारियों को राहत से लेकर केरल आपदा उपकर तक, ये है 32वीं बैठक में लिए गए सभी बड़े फैसले

MSME (सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम) क्षेत्र को बड़ी राहत देते हुए जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) परिषद ने गुरुवार को छोटे व्यापारों को जीएसटी में शामिल होने के लिए दी गई 20 लाख रुपए से कम कारोबार की छूट को बढ़ाकर 40 लाख रुपए कर दिया।

नई दिल्लीJan 11, 2019 / 09:09 am

Ashutosh Verma

GST Council 32nd Meet

GST Meeting: कारोबारियों को राहत से लेकर केरल आपदा उपकर तक, ये है 35वीं बैठक में लिए गए सभी बड़े फैसले

नई दिल्ली। msme (सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम) क्षेत्र को बड़ी राहत देते हुए जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) परिषद ने गुरुवार को छोटे व्यापारों को जीएसटी में शामिल होने के लिए दी गई 20 लाख रुपए से कम कारोबार की छूट को बढ़ाकर 40 लाख रुपए कर दिया। इसके साथ ही केरल को दो साल के लिए जीएसटी के ऊपर एक फीसदी आपदा उपकर लगाने की अनुमति दे दी। अब तक 20 लाख रुपये से कम के कारोबार को जीएसटी में पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं थी।


राजस्व में इजाफा होने पर ही मिलेगी छूट

जीएसटी परिषद की बैठक के बाद यहां फैसलों की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आगे किसी प्रकार की कर छूट की संभावना से इनकार किया और कहा कि ‘छूट तभी दी जाएगी, जब राजस्व में इजाफा होगा।’उन्होंने कहा कि जीएसटी की मूल संरचना के तहत पूरे भारत में 20 लाख रुपए तक के कारोबार को तथा उत्तर पूर्व के कुछ राज्यों और पहाड़ी इलाकों में 10 रुपए से कम के कारोबार को जीएसटी से छूट दी गई थी। जेटली ने कहा, “हमने दो स्लैब के साथ दो संरचना को बरकरार रखा है। इसके तहत 20 लाख रुपए की सीमा को दोगुना बढ़ाकर 40 लाख रुपए कर दिया गया, जबकि छोटे राज्यों के लिए 10 लाख रुपए की सीमा को बढ़ाकर 20 लाख रुपए कर दिया गया।”

इन दो राज्यों में पहले ही बढ़ार्इ गर्इ थी सीमा

यहां तक कि इस फैसले से पहले ही जम्मू एवं कश्मीर और असम ने अपने कानूनों में परिवर्तन कर 10 लाख रुपए की सीमा को बढ़ाकर 20 लाख रुपए कर दिया था। जेटली ने कहा कि जिन राज्यों के लिए नई सीमा 20 लाख रुपए तय की गई है, उन्हें इसे ‘ज्यादा करने’ का तथा जिन राज्यों के लिए सीमा 40 लाख रुपए तय की गई है, उन्हें इसे ‘कम करने’ का अधिकार होगा।


केरल आपादा के लिए अधिकतर 1 फीसदी का लगेगा उपकर

परिषद ने आपदा और प्राकृतिक आपदाओं के मामले में उपकर लगाने पर मंत्रियों के समूह (जीओएम) की एक रिपोर्ट पर भी विचार किया। पिछले साल अगस्त में भयंकर बाढ़ की चपेट में आने के बाद केरल द्वारा उपकर लगाने की मांग की गई थी, जिसके बाद जीओएम का गठन किया गया था। जेटली ने कहा कि केरल अब दो साल की अधिकतम अवधि के लिए 1 फीसदी का अधिकतम उपकर लगाने का हकदार है। जेटली ने कहा कि जीएसटी परिषद प्राकृतिक आपदाओं के मामले में कुछ राज्यों को उपकर लगाने की अनुमति दे सकती है।


कंपोजिशन स्कीम को बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपए किया गया

जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) परिषद ने गुरुवार को जीएसटी कंपोजिशन स्कीम की सीमा 1 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपये कर दिया है, जो 1 अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष 2019-20 से लागू होगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी परिषद की 32वीं बैठक की अध्यक्षता करने के बाद यहां संवाददाताओं से कहा, “हमने कंपोजिशन स्कीम की सीमा बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपये कर दी है। यह फैसला 1 अप्रैल 2019 से लागू होगा।” कंपोजिशन स्कीम का विकल्प चुनने वालों को न्यूनतम 1 फीसदी जीएसटी का भुगतान करना पड़ता है।


1 अप्रैल से ही शुरू होगी कंपोजिशन स्कीम के तहत नर्इ सुविधा

जेटली ने कहा कि तीसरे फैसले में जीएसटी परिषद ने छोटे सेवा प्रदाताओं जो वस्तु और सेवाएं दोनों प्रदान करते हैं और उनका कारोबार 50 लाख रुपये से कम है, उन्हें कंपोजिशन स्कीम के लिए पात्र माना है। इससे उन्हें 6 फीसदी जीएसटी क लाभ मिलेगा।

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