सऊदी के ऊर्जा मंत्री खालिद अल – फलीह की भारत की यात्रा के दौरान यह चिंता जतायी गयी। सऊदी अरब के मंत्री उसके बाद चीन रवाना हो गए। सऊदी अरब इस रास्ते से जहाजों की सुरक्षित आवाजाही के लिए शीर्ष तेल खरीदार देशों से तालमेल बढ़ा रहा है। होरमुज जलडमरूमध्य तेल उत्पादक देशों को दुनिया के बाकी हिस्सों से जोड़ता है।
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धर्मेंद्र प्रधान के साथ फलीह ने किया लंच
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने फलीह के साथ लंच पर बैठक के बाद ट्वीट में कहा , “सऊदी के ऊर्जा मंत्री खालिद अल – फलीह से मुलाकात हुई। इस दौरान वैश्विक तेल बाजार में चल रहे घटनाक्रमों पर बातचीत हुई।” प्रधान ने कहा , “बैठक में होरमुज जलडमरूमध्य क्षेत्र में तनाव से पेट्रोलियम/एलएनजी टैंकरों की आवाजाही पर पड़ने वाले असर , ओपेक एवं अन्य पेट्रोलियम उत्पादक देशों के उत्पादन में कटौती जारी रखने से कच्चे तेल की कीमतों में उतार – चढ़ाव और इसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव आदि को लेकर अपनी चिंता जताई।”
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तेल टैंकर को लेकर बढ़ा तनाव
दो हफ्ते पहले ब्रिटेन ने ईरान का एक तेल टैंकर पकड़ लिया था , जिसके जवाब में ईरान ने भी पिछले हफ्ते खाड़ी क्षेत्र में एक ब्रिटिश टैंकर को जब्त कर लिया। जिसके बाद से तनाव बढ़ गया है। इससे पहले जून में दो टैंकरों पर विस्फोट करके क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। अमेरिका ने इस हमले का आरोप ईरान पर लगाया था। हालांकि , ईरान से इससे इनकार किया था। होरमुज जलडमरूमध्य क्षेत्र में चल रहे तनाव को लेकर भारत को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा क्योंकि वह पेट्रोलियम और गैस आपूर्ति के लिए काफी हद तक इस क्षेत्र पर निर्भर है। इस रास्ते से भारत दो – तिहाई तेल और आधी एलएनजी का आयात करता है।
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