चीन लगातार इन बढ़ती समस्याओं का समाधान निकालने में लगा हुआ हैं। ऐसे में चीन की शीर्ष विधायिका ने तय किया है कि स्थानीय सरकार के कर्ज की अधिकतम सीमा 21,000 अरब युआन होनी चाहिए। चीन की सरकारी समाज एजेंसी सिन्हुआ की एक खबर की माने तो अगस्त के आखिर में चीन का स्थानीय सरकारी कर्ज 17,660 अरब युआन (2,580 अरब डॉलर) रहा जो आधिकारिक सीमा के नीचे ही है।
चीन के लगातार स्थानीय सरकारी कर्जे़ में हो रही बढ़ोतरी से वहां के अर्थशास्त्री चिंतित हैं। हालांकि देश के पिछले साल का कुल सरकारी कर्ज़ जीडीपी का 36.2 फीसदी था। जो सबसे आधुनिक अर्थव्यवस्थाओं के स्तर से कम है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग वित्तीय ख़तरे को कम करने के लिए स्थानीय सरकार पर कर्ज़ के स्तर में कमी लाने के लिए दबाव बना रहे हैं। लेकिन शी जिनपिंग की इन कोशिशों के बावजूद भी कर्ज कम होता नजर नहीं आ रहा है।
कर्ज के साथ-साथ चीन के सामने एक और मुसीबत खड़ी है। बढ़े टैरिफ की वजह से बहुत सी एशियाई कंपनियों में डर का माहौल है। इसके चलते मेमरी चिप से लेकर मशीन टूल तक बनाने वाली कंपनियां अपनी प्रॉडक्शन रेंज चीन से कहीं और शिफ्ट कर रही हैं या ऐसा करने का मन बना चुकी हैं। यह सब अमरीका के चीनी इंपोर्ट पर टैरिफ लगाने के बाद शुरू हुआ। अब तक चीन में बनने वाले सामान की प्रॉडक्शन कॉस्ट काफी कम बैठती थी। लेकिन टैरिफ लगने के बाद उसके इस स्टेटस को चुनौती मिली है।