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बेमेतरा

आप वकील भी हो, पक्ष मत लो

कलक्ट्रेट के रीडर के खिलाफ लामबंद हुए वकीलों का गुस्सा गुरुवार को सतर्कता समिति की बैठक में फूट पड़ा।

बेमेतराFeb 12, 2016 / 10:16 am

Abhishek Pareek

कलक्ट्रेट के रीडर के खिलाफ लामबंद हुए वकीलों का गुस्सा गुरुवार को सतर्कता समिति की बैठक में फूट पड़ा। ज्ञापन देने पहुंचे वकीलों व कलक्टर मे बहस होने पर सभागार में पुलिस जाप्ता बुलाना पड़ा। हालांकि यह मामला बाद में शांत हो गया।

जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विक्रमसिंह राठौड़ तथा जिला राजस्व बार एसोसिएशन के अध्यक्ष महिपालसिंह राणावत के नेतृत्व में रीडर सुरेंद्र पारीक को हटाने के लिए वकील कलक्ट्रेट में ज्ञापन देने पहुंच गए। वे जब ज्ञापन देने आए, तब मुख्य सचेतक कालूलाल गुर्जर ने उनसे कह दिया, ये कलक्टर है इनसे कुछ मांगने के लिए प्रार्थना करनी पड़ेगी। यह सुन कुछ वकील भड़क गए। इनमें से एक वकील ने तो कह दिया मुख्य सचेतक हमारे पड़ोसी है और वकील भी है, इसलिए इन्हें हमारी बात सुननी पड़ेगी। कुछ वकीलों ने तो भीड़ में कहा कि कालूजी आप भी वकील हो, इसलिए कलक्टर का इतना पक्ष मत लो। इस बात को सुनकर अतिरिक्त कलक्टर गिरिराज वर्मा व यूआईटी सचिव प्रदीपसिंह सांगावत नाराज हो गए।

बाद में अध्यक्ष राठौड़ ने वकीलों को शांत किया। उन्होंने ज्ञापन में बताया कि रीडर पारीक का वकीलों के प्रति व्यवहार अच्छा नहीं है इसलिए उन्हें हटाया जाए। वकीलों ने बताया कि करीब दो माह से राजस्व न्यायालयों में कार्य का बहिष्कार कर रखा है। इसके बावजूद वकीलों की मांग पूरी नहीं की गई। ज्ञापन देने के दौरान कई वकील मौजूद थे।

एडीएम को ज्ञापन देने से इनकार
वकील जब सभागार में ज्ञापन देने पहुंचे तब सतर्कता समिति की बैठक चल रही थी। इसमें मुख्य सचेतक गुर्जर व कलक्टर डॉ. टीनाकुमार सहित अन्य अधिकारी बैठे हुए थे। वकीलों के जोर-जोर से नारे लगाने पर कलक्टर ने अतिरिक्त कलक्टर (प्रशासन) गिरिराज कुमार वर्मा को बाहर ज्ञापन लेने भेजा लेकिन वकीलों ने इसका विरोध कर दिया। वकीलों ने कहा कि जब अंदर कलक्टर बैठी है तो हमारा ज्ञापन क्यों नहीं लिया जा रहा है। कई देर तक नारे लगाए तो वकीलों को अंदर बुलाकर ही ज्ञापन लिया।

वार्ता के आश्वासन पर हटे वकील
वकीलों ने कहा कि जब तक रीडर को नहीं हटाएंगे, तब तक वे यहां से नहीं जाएंगे। करीब पंद्रह मिनट की बहस के बाद कलक्टर ने अध्यक्ष राठौड़ से कहा कि इस संबंध में अलग से वार्ता की जाएगी। इस आश्वासन के बाद सभी वकील बाहर आ गए।

मैंने किसी से अभद्रता नहीं की है। अब फैसले तो अधिकारी लोग करते हैं। मैं तो उनकी ही पालना कराता हूं। किसी वकील से मेरा कोई झगड़ा नहीं हुआ है। पता नहीं ये लोग किस मुद्दे को लेकर गुस्सा हो रहे हैं। वैसे भी यहां से हटने के लिए तो मैंने खुद ने ही कलक्टर को पहले से ही प्रार्थना पत्र दे रखा है।
सुरेंद्र पारीक, रीडर, कलक्टर कार्यालय।

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