उत्तराखंड पुलिस ने पीडि़ता की शिकायत दर्ज करने में काफी समय लगा दिया। माना जा रहा है कि पीडि़ता ने अपनी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय में भी की है। उसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय का उत्तराखंड सरकार पर दबाव पड़ा। सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री कार्यालय ने उत्तराखंड की सत्ता पर काबिज भाजपा सरकार के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी फटकार लगाई है। उसके बाद ही पीडि़ता का बयान पुलिस ने दर्ज किया है। पीडि़ता दिल्ली की रहने वाली है। पिछले दो माह से उत्तराखंड में पीडि़ता को न्याय के लिए कोई मदद नहीं मिल पा रही थी तो उसने प्रधानमंत्री कार्यालय में एप्रोच की और उसे सफलता भी मिली।
दरअसल संजय कुमार पर लगे आरोप के बाद उत्तराखंड भाजपा अपने आप को काफी असहज महसूस कर रही है। भाजपा और संघ से जुड़े पदाधिकारी यह कतई नहीं चाह रहे थे कि पीडि़ता का बयान दर्ज हो। इसलिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर भी इस बात का निरंतर दबाव बनाया जा रहा था कि पीडि़ता का बयान दर्ज नहीं हो। सूत्रों के मुताबिक पीडि़ता ने अपने बयान में भाजपा के कुछ और शीर्ष नेताओं पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं।
भाजपा को सता रहा लोस चुनाव का भय— कांग्रेस
उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि इस प्रकरण को रफा दफा करने की कोशिश की जा रही है। इस वजह से ही अब तक युवती का बयान दर्ज नहीं हो पा रहा था। प्रीतम सिंह का कहना है कि पीडि़ता ने कुछ और भाजपा नेताओं पर आरोप लगाएं हैं। सभी से पूछताछ की जानी चाहिए। भाजपा को इस बात का भय सता रहा है कि लोकसभा चुनाव में मी—टू प्रकरण से भाजपा की हवा खराब होगी।
उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष का कहना है कि कांग्रेस इस मामले को लेकर चुप नहीं बैठेगी। प्रदेश की जनता को बताएगी कि भाजपा के अंदर खाने क्या चल रहा है। साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का चरित्र कितना घिनौना है। उधर उत्तराखंड भाजपा के अध्यक्ष अजय भट्ट का कहना है कि जो लोग पीडि़ता को उकसाने का काम कर रहे हैं। उनकी भी पड़ताल की जानी चाहिए। आखिर वे क्यों ऐसा कर रहे हैं।
‘ कानून अपना काम कर रहा है। पीडि़ता को न्याय मिलेगा। जो भी लिप्त हाोगा। उसको सजा मिलेगी। पुलिस पर कोई दबाव नहीं है। ’ त्रिवेंद्र सिंह रावत,मुख्यमंत्री ,उत्तराखंड सरकार