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बिना बच्चों वाले स्कूलों में बैठे उर्दू अध्यापक जाएंगे दूसरी स्कूलों में

locationचुरूPublished: Jun 15, 2019 12:02:08 pm

Submitted by:

Madhusudan Sharma

राज्य में गत भाजपा सरकार के आदेशों से बिना बच्चों वाले राजकीय विद्यालयों में जमे बैठे उर्दू के अध्यापकों को अब दूसरे स्कूलों में ड्यूटी देनी होगी। दरअसल माजरा ये है कि फिलहाल राज्य में ऐसे अनेक स्कूल हैं जहां उर्दू विषय पढऩे वाले बच्चे नहीं होने के बावजूद वहां उर्दू के शिक्षक नियुक्त है।

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बिना बच्चों वाले स्कूलों में बैठे उर्दू अध्यापक जाएंगे दूसरी स्कूलों में

चूरू. राज्य में गत भाजपा सरकार के आदेशों से बिना बच्चों वाले राजकीय विद्यालयों में जमे बैठे उर्दू के अध्यापकों को अब दूसरे स्कूलों में ड्यूटी देनी होगी। दरअसल माजरा ये है कि फिलहाल राज्य में ऐसे अनेक स्कूल हैं जहां उर्दू विषय पढऩे वाले बच्चे नहीं होने के बावजूद वहां उर्दू के शिक्षक नियुक्त है। वहीं अनेक स्कूलों में जहां उर्दू के छात्र है वहां इस विषय के शिक्षक नहीं है। ऐसे में इस विषय के बच्चों को अध्ययन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस परेशानी को देखते हुए कार्यालय निदेशक माध्यमिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर नथमल डिडेल ने 13 जून को आदेश जारी किया है। आदेशों के में स्पष्ट लिखा है कि माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधीन राउमावि में संकायवार विभिन्न विषयों के व्याख्याता कार्यरत हैं। अनेक विद्यालयों में उर्दू विषय के विद्यार्थियों का नामांकन शून्य होने के बावजूद इस विषय के व्याख्याता वहां लंबे अर्से से कार्यरत है। जबकि अनेक विद्यालयों में छात्र होते हुए भी इस विषय के व्याख्याता का पद रिक्त है। अत: विभाग के मानवीय संसाधनों के अधिकतम उपयोग के लिए शून्य नामांकन वाले विद्यालयों में कार्यरत व्याख्याताओं को ऐसे विद्यालयों में पदस्थापित किया जाएगा जहां उर्दू के विद्यार्थियों का नामांकन है। इसके लिए संबंधित संस्था प्रधानों को विद्यालय में कार्यरत उर्दू व्याख्याताओं को अविलंब कार्यमुक्त कर निदेशालय माध्यमिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर में उपस्थिति देने के लिए पाबंद करने के निर्देश जारी किए गए हैं। ऐसे में सूची में संलग्न व्याख्याताओं को एपीओ कर आदेशों की प्रतीक्षा में रखा गया है। विभागीय आदेशों के अनुसार अब इनकी नियुक्ति दूसरे विद्यालयों में की जाएगी।
यहां उर्दू के विद्यार्थी हैं, मगर व्याख्याता नहीं
चूरू जिले के गांव मेहरी के राउमावि में उर्दू विषय के बच्चों का नामांकन है। मगर वहां इन्हें पढ़ाने के लिए उर्दू का शिक्षक नहीं है। यहां पहले कार्यरत अध्यापक का तबादला करीब पांच-छह महीने पहले समसा में किया गया। बाद में उसे गांव जसरासर के स्कूल में लगा दिया गया। इससे मेहरी के विद्यार्थी उर्दू शिक्षक से वंचित हैं। इसके अलावा भी जिले में अनेक विद्यालय हैं जहां उर्दू के विद्यार्थी होने के बावजूद वहां इस विषय के व्याख्याता का पद स्वीकृत नहीं किया गया है।
राज्य में इन व्याख्याताओं का होगा तबादला
महेशकुमार मीना,आदर्श राउमावि, रेवदर(सिरोही), मो. वसीम अख्तर राजकीय आदर्श उमावि देवरी (बारां), राकेश कुमार मीना आदर्शराउमावि जूनीबाली (जालौर), अभिषेककुमार श्री गोवद्र्धन राउमावि नाथद्वारा (राजसमंद), फाहमीदा परवीन राउमावि दोहिंदा (राजसमंद), असफाक अहमद राउमावि बागोर ब्लॉक (अलवर), नफीस बानो राउमावि केलवाड़ा (बारां), इरफान हुसैन राउमावि समरानिया (बारां), अब्दुल राउफ राजकीय आदर्शउमावि अजीत (बाड़मेर), आबिदअली भाटी रा. आदर्श उमावि देसूरी(पाली), सलमा बानो सुपाद राउमावि कूकरा (राजसमंद), मुकेश मीना श्रीदीपचंद पालीवाल रा. आदर्श उमावि उपलीओडान (राजसमंद), गुलआलम खान राउमावि बड़ागांव (उदयपुर), सैयदा परवीन शहीद अभिनव नागौरी बालिका उमावि भुवाना (उदयपुर), जितेंद्रकुमार मीना चतुर राउमावि कानूर (उदयपुर), शेर बानू राउमावि कोल्यारी (उदयपुर), जहांनारा राउमावि देबारी (उदयपुर), अंजुम आरा राजकीय मा.किशनलाल वर्मा उमावि अंबामाता (उदयपुर), भरतलाल मीना रा. आदर्श उमावि शायरा (उदयपुर), मो. रफीक इमरान गल्र्स सी.सै. स्कूल स्टेशन रोड वार्ड 12 (बारां), नजमा कुरैशी राजकीय बालिका उमावि सुल्तानपुर (कोटा), हसीना बानो रा.गल्र्स उमावि, बाली (पाली), रामधन मीना राआउमावि कुंचोली (राजसमंद) व रियाज अली राउमावि राभाना ब्लॉक तिजारा (अलवर)।

&समायोजन की आड़ में उर्दू लैक्चरर्स के स्वीकृत पद किसी भी हाल में ना टूटे। सरकार इसका विशेष खयाल रखे। स्टाफिंग पैटर्न के नाम पर उर्दू पदों को बेरहमी से तोड़ा गया था। उन सभी पदों को बहाल करने के साथ-साथ सरकार राज्य में नए पद सृजित करे।
डा. शमशाद अली, प्रदेशाध्यक्ष, राजस्थान उर्दू टीचर्स एंड लैक्चरर्स एसोसिएशन, राजस्थान
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