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चित्तौड़गढ़

मॉडल स्कूलों में न किताबें पहुंची, ना नियुक्त हुए शिक्षक

बड़ीसादड़ी स्वामी विवेकानन्द राजकीय मॉडल स्कूल में अप्रेल से शुरू हो गया नया सत्र, लेकिन किताबें नहीं आई, द्वितीय सप्ताह में पुस्तकें खरीदने सम्बंधी आदेश हुए प्राप्त, व्यवस्था के नाम जिले में मॉडल स्कूलों में उधार पर शिक्षक

चित्तौड़गढ़Jul 21, 2019 / 10:40 pm

Vijay

chittorgarh

मॉडल स्कूलों में न किताबें पहुंची, ना नियुक्त हुए शिक्षक

चित्तौडग़ढ़. राज्य सरकार ने मॉडल स्कूलों के परीक्षा परिणाम को देखकर प्रदेश के बच्चों को एक ही छत के नीचे प्रारम्भिक से लेकर उच्च माध्यमिक स्तर की शिक्षा अंग्रेजी माध्यम से नि:शुल्क मिले इस उद्देश्य को लेकर 2019.20 के आरम्भ से ही मॉडल स्कूल में पहली कक्षा शुरू करने की घोषणा की थी। लेकिन प्रवेश के लिए आदेश जुलाई माह के दूसरे सप्ताह के समाप्त होने तक भी नहीं भिजवाए। दसवीं कक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों को प्रवेश 11वीं कक्षा में दे दिए लेकिन किताबों का अब तक पता नहीं। वहीं 10वीं के प्राप्तांक इतने ज्यादा अनिवार्य कर दिए कि प्रवेश के लिए निर्धारित सीटों की पूर्ति ही नहीं हो पा रही है। इन विद्यालयों में अप्रेल माह से ही नया सत्र शुरू हो गया था एवं जुलाई माह के प्रथम सप्ताह तक किताबों का अता-पता नहीं था। अब द्वितीय सप्ताह में पुस्तकें क्रय करने सम्बंधी आदेश प्राप्त हुए हैं लेकिन किताबें कब आएंगी पता नहीं। गांवों में मॉडल स्कूल के नाम से आकर्षण तो पैदा कर दिया लेकिन व्यवस्था के नाम पर पूरे जिले में सभी मॉडल स्कूलों में शिक्षक उधार पर है तथा वह भी नाम मात्र के तीन ओर चार शिक्षकों के भरोसे अंग्रेजी भाषा माध्यम से शिक्षण कराया जा रहा है जो अपेक्षित परिणाम नही दे पा रहे हैं।
जहां एक ओर जिले के मॉडल स्कूलों में शिक्षकों के बड़ी संख्या में पद रिक्त हैं वहीं कुछ कार्मिक प्लेसमेंट ऐजेन्सी के माध्यम से भी कार्य कर रहे है जो अध्यापन भी करा रहे हैं। इनमें पीटीआई कम योगा टीचर, आर्ट एवं क्रॉफ्ट, संगीत व चित्रकला सेवाओं के लिए कार्मिको के साथ कम्प्युटर ऑपरेटर, चौकीदार एवं सहायक सेवाएं एजेंसियों के माध्यम से उपलब्ध है जिन्हें नाममात्र का मानदेय दिया जाता है। इन कार्मिकों को भी समय पर मानदेय नहीं दिया जाता है जिससे इनके परिवार का पालन पोषण प्रभावित हो रहा है। कई विद्यालयों में इन कार्मिकों से गत छह माह से मानदेय नहीं मिला। इससे भारी आर्थिक तंगी के दौर से गुजरना पड़ रहा है। कई विद्यालयों में हालात यह है कि विद्यालय द्वारा ऐजेन्सी को भुगतान करने के बाद भी इन्हें भुगतान नहीं किया गया। इन दिनों प्रदेशभर में ये ऐजेन्सी कार्मिक बीच में से प्लेसमेंन्ट ऐजेन्सी को हटाकर विद्यालय की एसडीएमसी के माध्यम से भुगतान को लेकर धरना-प्रदर्शन भी कर रहे हैं।
चित्तौडग़ढ़ जिले के मॉडल स्कूलों ने सभी विषयों व खेलकूद सहित सह शैेक्षिक गतिविधियों में प्रदेश स्तर उपलब्धि हासिल की प्रदेश के दूसरे मॉडल स्कूल शिक्षकों के अभाव में मुकाम हासिल नहीं कर पाए। विभागीय अधिकारी सिर्फ इतना बता पा रहे है कि प्राथमिक शिक्षा के लिए सभी स्थानों पर भवन निर्माण कार्य प्रगति पर है। किताबें कब आएंगी, 11वीं कक्षा में प्रवेश के लिए अत्यधिक प्रतिशत के बारे में जवाब टाल देते हैं। प्राथमिक स्तर पर हालात यह है कि लोग प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने के इंतजार में बैठे रहे लेकिन अब मजबूरन निजी विद्यालयों में प्रवेश दिलवा रहे है। जो प्रधानाचार्य है वे भी कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे रहे हैं।
बड़ीसादड़ी मॉडल स्कूल के प्रधानाचार्य आदर्श पालीवाल ने बताया कि हमने सीमित संसाधनों में स्कूल का बेहतर संचालन किया और शैक्षिक व सह-शैक्षिक गतिविधियों में भी राज्यस्तर पर पहला और दूसरा स्थान प्राप्त किया है। प्राथमिक स्कूल चलाने के आदेश नहीं आए हैं।

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