मूर्ति चोरी के सभी मामलों की सीबीआई नहीं कर सकती जांच
चेन्नईPublished: Sep 25, 2018 10:14:16 pm
कोर्ट में सीबीआई के वकील ने जांच में मदद का दिया भरोसा
मूर्ति चोरी के सभी मामलों की सीबीआई नहीं कर सकती जांच
चेन्नई. सीबीआई ने तमिलनाडु सरकार को एक और झटका दिया है। इस बार यह झटका उसके किसी मंत्री या सरकारी कर्मचारी के घर छापेमारी करके नहीं बल्कि मूर्ति चोरी के सभी मामलों की जांच से पल्ला झाड़ते हुए दिया है। मद्रास हाईकोर्ट में मंगलवार को संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई ने बताया कि वह तमिलनाडु सरकार द्वारा प्रस्तावित मूर्ति चोरी के मामलों की जांच में पूरी तरह सहभागी नहीं बन सकती। सीबीआई के वकील के. श्रीनिवासन ने कोर्ट को बताया कि मूर्ति चोरी के काफी मामले हैं, कई मामलों में जांच विभिन्न स्तरों पर लम्बित है। यही नहीं भविष्य में कई ऐसे मामले और आ सकते हैं। सीबीआई के पास उतनी संख्या में स्टाफ नहीं है। उन्होंने बताया कि सीबीआई को कई और मामलों को भी गम्भीरता से देखना है ऐसे में एजेंसी इस मामले में पहले से ही जांच कर रही सीआईडी को अपनी ओर से पूरा सहयोग देगी। अगर ऐसे किसी मामले में रेड कॉर्नर नोटिस या फिर इंटरपोल से मदद लेनी हो तो इन मामलों में मदद कर सकती है।
इतना सुनने के बाद न्यायाधीश पीडी आदिकेशवलू और न्यायाधीश आर. महादेवन की खंडपीठ ने महाधिवक्ता को फटकार लगाते हुए पूछा कि सरकार ने इस मामले की जांच आनन-फानन में सीबीआई को सौंपने का फैसला क्यों लिया? क्यों राज्य सरकार ने यह करने से पहले जरूरी दिशा-निर्देशों की अनुपालना नहीं की? इस पर महाधिवक्ता विजय नारायण ने कहा सीबीआई ने राज्य सरकार से मूर्ति चोरी मामले से संबंधित लम्बित केसों की सूची मांगी थी इसीलिए सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया, लेकिन सीबीआई के वकील जो दलील अभी कोर्ट को दे रहे हैं इसके बारे में उनको कोई जानकारी नहीं है। विजय नारायण ने इस संबंध में सरकार की ओर से पक्ष रखने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा है।
गौरतलब है कि गत १ अगस्त को तमिलनाडु सरकार ने एक सरकारी आदेश जारी कर मूर्ति चोरी के सभी मामलों की जांच सीबीआई को सौंपने की बात कही थी। अधिवक्ता एलिफेंट जी. राजेंद्रन की याचिका पर सुनवाई करते हुए इस सरकारी आदेश पर अगले निर्णय तक अंतरिम रोक लगा दी गई है।