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मान्यता है कि चंद्रग्रहण के प्रभाव से खाद्य सामग्री में जीव उत्पत्ति हो जाती है। इसलिए ग्रहण के समय पका हुआ भोजन, जल, और खाद्य सामग्री का आदि का सेवन नही करना चाहिए। ऐसी स्थिति में लोगो ने भोजन में तुलसी के पत्ते कुश डाला ताकि खाद्य सामग्री में जीव उत्पत्ति न हो। यह भी पढ़ें
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ज्योतिषाचार्य अमित जेन ने बताया कि 174 साल बाद ब्लडमून ग्रहण नजर आया है। इसका प्रभाव अश्लेषा नक्षत्र में चंद्र ग्रहण होने से सोना चांदी, पीतल, की धातु में बढोत्तरी , भूकंप सुनामी प्राकृतिक आपदा , आपराधिक गतिविधियां, और कारोबार में उतार-चढ़ाव आगामी एक महिऩेे तक देखे जाएगेें। यह भी पढ़ें
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ग्रहण से लोगो ने किया बचाव- ग्रहण के चलते जिले में गर्भवती महिलाएं और रोगी तीन घंटे घरों में कैद रहे। ग्रहों के स्पर्श से मोक्ष तक लोगो ने मंत्र जाप पाठ और अपने गुरु मंत्र व इष्ट मंत्र का जाप किया। इस दौरान लोगो ने जमकर दान-पूण्य किए और कबूतरों को दाना डाला। यह भी पढ़ें
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