ऐसा ही पांचू ग्राम सेवा सहकारी समिति में किसानों के साथ हो रहा है। यहां व्यवस्थापक का पद रिक्त है। इससे समिति का काम सह व्यवस्थापक द्वारा संभाला जा रहा है। समिति की ओर से 743 किसानों को ऋण दिए गए हैं और काफी अऋणी किसान भी समिति के सदस्य हैं।
ग्रामीण मेघाराम गोदारा ने बताया कि सह व्यवस्थापक द्वारा किसानों के साथ अभद्र व्यवहार किया जाता है। किसान को खाते की पासबुक नहीं दी जाती है तो कई किसानों को खातों संबंधी पूरी जानकारी नही दी जाती है और ढाणी से समिति का संचालन किया जा रहा हैं। समिति का कार्यालय महीनों तक नहीं खोला जाता है। यहां ग्राम सेवा सहकारी समिति अध्यक्ष जेठाराम गोदारा ने काम इन्हें सौंप रखा है। इसका किसानों द्वारा लंबे समय से विरोध किया जा रहा है।
रविवार को जब समिति का कार्यालय खोलकर सह व्यवस्थापक द्वारा कार्य किया जा रहा था तो बड़ी संख्या में किसान समिति कार्यालय के समक्ष जमा हो गए और विरोध करने लग गए। बात जब हाथापाई तक उतर आई तो ग्राम सेवा सहकारी समिति अध्यक्ष व पांचू सरपंच जेठाराम गोदारा मौके पर पहुंचे व किसानों से वार्ता की। इस दौरान किसानों को समझाने की कोशिश करने लगे लेकिन किसान एक ही मांग पर अड़े रहे कि इनको समिति से हटाया नहीं जाएगा तब तक वे विरोध जारी रखेंगे।
पांचू के हड़मानराम सियाग ने बताया कि यहां पर किसानों के ना तो ऋण खाते खोले जा रहे है और ना ही खुले खातों की पासबुक व चेकबुक दी जा रही है। राज्य सरकार की कर्ज माफी में भी किसानों से बेवजह नोखा व बीकानेर के चक्कर लगवा रहे हैं।
इससे पूर्व राज्य सरकार ने पांचू में सहकारी समिति के करीब 450 किसानों का ऋण माफ किया था। इनमें भी कई किसान प्रमाण पत्र व पासबुक के लिए भटक रहे हैं। रविवार को किसान समिति पहुंचे तो उनके साथ बदसलूकी कर चले जाने की धमकियां दी। इसके बाद किसान आक्रोशित हो गए।
सह व्यवस्थापक को निष्कासित करने की मांग
नोखा. ग्राम सेवा सहकारी समिति सांईसर, पांचू व नाथूसर के ऋणधारकों ने सोमवार को तहसीलदार द्वारका प्रसाद शर्मा को ज्ञापन सौंपा। इसमें आरोप लगाया कि ग्राम सेवा सहकारी समिति में सहायक व्यवस्थापक सोहनलाल खिलेरी को लगाया है।
सहायक व्यवस्थापक खिलेरी व उसके पिता मोहनराम किसानों के ऋण का हिसाब अपने पास रखते हैं। इन्होंने अधिकतर किसानों की खाता पासबुक, चेक बुक अपने पास रख रखी है। वे घर पर समिति का कार्य करते हैं। किसानों को समय पर वार्षिक ऋण भुगतान की सूचना नहीं देते हैं, इससे पेनल्टी लग जाती है। ग्रामीणों ने अपने खातों की जांच करवाने व दोषी व्यक्ति को निष्कासित करने की मांग की। ज्ञापन देने में वार्ड पंच गोपीराम, धनाराम, प्रदीप, मोहन लाल, जीसुखराम आदि शामिल थे।