मक्का की रूबात के लिए रविवार सुबह साढ़े दस बजे कुरआ कराया गया। रूबात के लिए चयनित हुए लोगों ने अपना नाम आने पर खुशी जाहिर की। हजयात्रियों को इस चयन के बाद करीब 65 हजार रुपए तक हजयात्रा खर्च में बजट हो सकेगी। शाही औकाफ के सेक्रेटरी आजम तिरमिजी ने बताया कि हजयात्रियों की जो सूची हज कमेटी से मिली थी उसी के अनुरूप यह कुरआ कराया गया है। 251 हजयात्रियों के कुरआ के जरिए नाम निकाले गए।
बताई हजयात्रा की फजीलत
इस मौके पर यहां कई हजयात्री और उनके परिजन भी मौजूद थे। उलेमा ने यहां हजयात्रा की फजीलत बताई। उलेमा ने बताया कि पहले से ही यात्रा के लिए अपनी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। ताकि कोई परेशानी न हो।
क्या है रूबात
नवाबी रियासत के दौरान मक्का और मदीना में भोपाल के हजयात्रियों के लिए भोपाल नवाब की ओर से इंतजाम किए गए थे। जिन्हें रूबात कहा जाता है। हजयात्रा पर जाने वालों को यहां रहने के निशुल्क इंतजाम थे। उस दौरान रियासत में सीहोर और रायसेन भी शामिल थे। यह व्यवस्था अब भी कायम है। यात्रियों की संख्या अधिक होने से अब यहां ठहरने वालों का चयन कुरआ के जरिए किया जाता है। वर्तमान में मक्का की रूबात में 251 लोग ठहर सकते हैं। जबकि मदीना की रूबात में सभी को जगह मिल जाती है।
जिन्हें रूबात में जगह नहीं उन्हें इतना होगा खर्च
हज यात्रा पर जाने वालों में ग्रीन केटेगरी के तहत दो लाख 70 हजार और अजीजिया केटगरी में दो लाख 35 हजार 860 रुपए खर्च आएगा।