बेराजगार थे इसलिए 200 रुपए प्रतिदिन पर काम करने को तैयार हो गए
बेरोजगार होने के चलते एक दिन हमारी मुलाकात विदिशा के ही एक आयुर्वेदिक डॉक्टर जीवन झा से हुई। उसने कहा कि वो हमें काम देगा, हमें एक बॉक्स लेकर ट्रेनों में घूमना होगा उसमें जितने भी पैसे एकत्र होंगे उसमें से हमें रोजाना 200 मजदूरी मिलेगी। चूंकि हम बेरोजगार थे तो हमने इस काम के लिए हामी भर दी, रविवार को हमारा पहला ही दिन था। जीवन झा भी हमारे साथ था। ट्रेन के जनरल कोच में जब टिकट चेकिंग स्टाफ आया तो जीवन वहां से रफूचक्कर हो गया और टीटीई ने हमें पकड़ कर आरपीएफ को दे दिया। इस मामले में आरपीएफ पोस्ट प्रभारी निहाल सिंह ने बताया कि इन दोनों युवकों को टिकट चेकिंग स्टाफ ने ट्रेन में बिना टिकट पकड़ा इनके पास एक बॉक्स भी था जिसमें यह बाढ़ पीडि़तों के नाम पर चंदा वसूली कर रहे थे। इन दोनों के खिलाफ हमनें रेलवे एक्ट 137,144 और 145-बी के तहत मामला दर्ज किया है। वहीं इनके द्वारा बताए गए युवक जीवन झा की भी तलाश जारी है।