नए कैलेंडर में आदि शंकराचार्य, अद्वैत सिद्धांत, दीनदयाल व अटल गायब
बता दें, 2018-19 सत्र में मार्च माह में आदि शंकराचार्य और अद्वैव सिद्धांत विषय था जिसे मौजूदा कैलेंडर से हटाया गया है। साथ ही दिसम्बर माह में भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी – व्यक्तित्व चर्चा के विषय को भी हटाया गया है। वहीं वर्ष 2017-18 सत्र में सितम्बर माह में पंडित दीनदयाल का एकात्मवाद विषय को भी हटाया गया है। हालांकि वर्तमान कैलेंडर में मार्च माह में प्रेरक व्यक्तित्व नाम से विषय जोड़ा गया है। व्यक्तित्व विकास प्रकोष्ठ का कहना है कि शिक्षकों को जो भी प्रेरक व्यक्तित्व लगते हैं उनके बारे में बताया जा सकता है।
विद्यार्थियों को देश व सभ्यता से रूबरू कराएगा कैलेंडर
व्यक्तित्व विकास प्रकोष्ठ के समन्वयक डॉ. ब्रह्मदीप अलूने ने बताया कि इस बार के वार्षिक गतिविधि कैलेंडर के जरिए विद्यार्थियों को उनके देश व सभ्यता से रूबरू कराया जाएगा। साथ ही बहुत से ऐसे मुद्दे हैं जिनसे विद्यार्थी परिचित नहीं हैं, उन विषयों के बारे में भी बताया जाएगा। व्यक्तित्व विकास प्रकोष्ठ के व्याख्यानों के अलावा महापुरुषों की जयंती, राष्ट्रीय त्यौहारों पर विशेष गतिविधियां व प्रतिभावान विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए वार्षिक कार्यक्रम में पुरस्कृत भी किया जाएगा।
ऐसा रहेगा शेड्यूल
जुलाई – व्यक्तित्व निर्माण में शिष्टाचार, सभ्यता और सौम्य व्यवहार, आओ भविष्य बनाएं के जरिए विद्यार्थियों से संवाद होगा, भारत परिचय व भारत की विविधिता।
अगस्त – राष्ट्रीय आंदोलन, स्वतंत्रता सेनानी व राष्ट्र निर्माण और विकास, सद्भावना दिवस व खेल दिवस
सितम्बर – भारत के प्रमुख शिक्षा, स्वास्थ्य व शोध संस्थान, प्रमुख शिक्षा आयोग, विद्यार्थी जीवन में लाइब्रेरी की आश्यकता व महत्व, आतंकवाद : समस्या व समाधान
अक्टूबर – गांधी दर्शन, गांधी और आत्मनिर्भरता, गांधी युग, इंदिरा गांधी पुण्यतिथि – राष्ट्रीय एकता दिवस
नवम्बर – मप्र स्थापना दिवस, मौलाना अबुल कलाम आजाद, बाल दिवस, हमारा संविधान, वसुधैव कुटुम्बकम्
दिसम्बर – भारतीय सेना, अद्र्ध सैनिक बल व उनका योगदान, मानव अधिकार और समाजिक न्याय, बांग्लादेश क्रांति
जनवरी – हमारे राज्य की सरकार का लोक कल्याणकारी संकल्पना, स्वामी विवेकानंद और राष्ट्रीय चेतना, लोकतंत्र और सामजिक चेतना, सिख धर्म व उनके गुरु व उनका बलिदान
फरवरी – भारत का अंतरिक्ष अनुसंधान, रक्षा अनुसंधान, रक्षा विशेषज्ञता व प्रमुख कार्य, परीक्षा में प्रश्रों के जवाब उत्तर पुस्तिका में कैसे लिखें।
मार्च – भारतीय दर्शन, महिला सशक्तिकरण, प्रेरक व्यक्तित्व
अप्रैल, मई, जून – विश्वविद्यालयीन, स्वशासी महाविद्यालयीन परीक्षाएं, सत्र समीक्षा, आगामी गतिविधियों का निर्धारण व बैठक