दरअसल, सीबीएसई ने पिछले साल दिसंबर में घोषणा की थी कि अब वह विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा में मिले कुल अंकों के आधार पर प्रथम, द्वितीय या तृतीय डिवीजन में नहीं बांटेगा। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के परीक्षा नियंत्रक डॉ. संयम भारद्वाज ने एक नोटिफिकेशन जारी किया, जिसमें यह उल्लेख किया गया कि सीबीएसई की ओर से 2024 में जारी किए जाने वाले कक्षा 10 एवं कक्षा 12 की परीक्षा के परिणाम में किसी प्रकार का समग्र डिवीजन डिस्टिंक्शन अथवा एग्रीगेट नहीं दिया जाएगा। इसी के साथ अंकों के प्रतिशत की कोई भी गणना सीबीएसई की ओर से नहीं की जाएगी। इसी नोटिफिकेशन में यह विवरण दिया गया है कि यदि किसी विद्यार्थी ने बोर्ड की परीक्षा में 5 से ज्यादा विषय लिए हैं तो सर्वोत्तम पांच विषयों को निर्धारित कर उस छात्र के प्रवेश का फैसला वह संस्थान स्वयं करेगा, जो प्रवेश दे रहा है।
सीबीएसई का यह निर्णय नई शिक्षा नीति 2020 के सार को समाहित करता है। विद्यार्थी परसेंटेज के लिए नहीं बल्कि समग्र ज्ञान के लिए तैयारी करेंगे। उन पर अभिभावकों, शिक्षकों तथा सहपाठियों का जो मनोवैज्ञानिक दबाव रहता है, वह नहीं रहेगा। ऐसे में विद्यार्थी अध्ययन सामग्री पर बेहतर फोकस कर सकेंगे तथा न केवल एक समग्र दृष्टिकोण से अध्ययन कर पाएंगे अपितु रटने की प्रवृत्ति से छुटकारा मिल पाएगा। किसी भी विद्यार्थी के लिए सफलता एक बहुआयामी कांसेप्ट है जो सिर्फ अंकों के आधार पर हासिल नहीं की जा सकती।