15 साल बड़ा दूल्हा
बाल विवाह के खिलाफ बेटी की जंग इसलिए भी जरूरी थी कि विवाह के समय उसकी उम्र पांच साल थी जबकि दूल्हा बीस साल का था। अब दूल्हे की उम्र उससे दुगनी हो गई।
बाल विवाह के खिलाफ बेटी की जंग इसलिए भी जरूरी थी कि विवाह के समय उसकी उम्र पांच साल थी जबकि दूल्हा बीस साल का था। अब दूल्हे की उम्र उससे दुगनी हो गई।
आसान नहीं थी राह, परिजन भी खिलाफ, समिति बनी मददगार
बाल विवाह के खिलाफ खड़ी हुई किशोरी की राह आसान नहीं थी। उसके परिजन भी साथ नहीं थे। लेकिन किशोरी ने हिम्मत नहीं हारी। 12 जुलाई 2018 को बाल कल्याण समिति अध्यक्ष सुमन त्रिवेदी से मिली व सारा घटनाक्रम बताया। जब वह आवाज मुखर कर रही थी। उसकी उम्र साढ़े 17 साल थी। समिति ने उसकी हौसला अफजाई की।
बाल विवाह के खिलाफ खड़ी हुई किशोरी की राह आसान नहीं थी। उसके परिजन भी साथ नहीं थे। लेकिन किशोरी ने हिम्मत नहीं हारी। 12 जुलाई 2018 को बाल कल्याण समिति अध्यक्ष सुमन त्रिवेदी से मिली व सारा घटनाक्रम बताया। जब वह आवाज मुखर कर रही थी। उसकी उम्र साढ़े 17 साल थी। समिति ने उसकी हौसला अफजाई की।
44 दिन में निर्णय, पति नहीं आया तो एक तरफा फैसला
समिति मामले को अदालत ले गई। 17 दिसम्बर 2018 को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम की धारा-3 के तहत किशोरी की ओर से पारिवारिक न्यायालय में वाद दायर किया। न्यायाधीश मुकेश भार्गव ने किशोरी के पति को नोटिस भेज बुलाया। लेकिन वह हाजिर नहीं हुआ। अदालत ने 44 दिन में किशोरी के वाद पर एक तरफा फैसला देते बाल विवाह को शून्य करार दे दिया।
समिति करेगी संरक्षण, फिर जहां पसंद उसकी मर्जी
किशोरी के बालिग होने तक समिति ही उसकी संरक्षक होगी। बालिग होने के बाद किशोरी जहां चाहे शादी कर सकती है। अदालत के निर्णय के बाद यह उसकी पहली शादी कहलाएगी।
किशोरी के बालिग होने तक समिति ही उसकी संरक्षक होगी। बालिग होने के बाद किशोरी जहां चाहे शादी कर सकती है। अदालत के निर्णय के बाद यह उसकी पहली शादी कहलाएगी।