आवासीय वैजिक गुरुकुल विद्यापीठ में अल सुबह 4 बजे से दिनचर्या की शुरुआत होती है। स्नान के बाद सभी बच्चे योगाभ्यास और प्राणायाम करते हैं। इसके बाद प्रार्थना के साथ पढ़ाई शुरू होती है।@Patrika वहीं शाम को संध्या आरती अनविार्य रूप से की जाती है। यहां अध्य्यनरत बच्चों को सभी काम खुद करने पड़ते है। इनमें कपड़े धोने से बिस्तर बिछाने, उठाने और भोजन के बर्तन धोना शामिल हैं। माता-पिता को बच्चों से मिलने के लिए महीने में सिर्फ एक ही दिन निर्धारित है। इसके बाद मिलने नहीं दिया जाता है।
भगवान शिव के प्रिय मास सावन में यहां पर कांवरियों की भीड़ लगती है। मंदिर परिसर में स्थित भगवान की मूर्ति में कांवर में लाए गए पवित्र जल से जलाभिषेक किया जाता है। @Patrika सावन माह में नदी का विहंगम दृश्य देखते ही बनता है। अल सुबह से ही श्रद्धालु कांवरिए बोल बम के जयकारे लगाते हुए मंदिर पहुंचते हैं।