जांच के दौरान जांच अधिकारी महिला सुपरवाइजर गीता देवी के बयान ले रही थी। इसी दौरान सीडीपीओ शैलेष कुमार भी वहां पहुंच गए और गीता देवी पर अपने हिसाब से बयान देने के लिए दबाव बनाने लगे। इससे वह मौके पर ही बेहोश होकर गिर गई। कार्मिकों ने गंभीर हालत में राजकीय अस्पताल में भर्ती कराया जहां उनका उपचार चल रहा है।
उपनिदेशक की ओर से गठित जांच अधिकारी वैर के सीडीपीओ नागेश गुप्ता, बयाना के सीडीपीओ सत्यप्रकाश शुक्ला, उपनिदेश कार्यालय के सांख्यिकी अधिकारी राकेश माथुर तथा सेवर के लेखाकार प्रेमसिंह सीडीपीओ ऑफिस में जांच करने पहुंचे। इस दौरान वह महिला सुपरवाइजरों के बयान ले रहे थे तो शाम करीब सवा चार बजे खोह सेक्टर की सुपरवाइजर गीतादेवी के बयान लेने के दौरान सीडीपीओ शैलेष कुमार भी कमरे में मौजूद थे।
आरोप है कि जैसे ही सीडीपीओ के काले कारनामों की पोल खोली तो शैलेष कुमार ने गीता देवी को डांटते कहा कि मेरे हिसाब से अपने बयान प्रस्तुत करें। शैलेष कुमार द्वारा ज्यादा प्रताडि़त किया तो उनकी तबियत बिगड़ गई। गीता देवी को कार्यालय के कार्मिकों ने अस्पताल में भर्ती कराया है। सूत्रों के मुताबिक जांच अधिकारी उपस्थिति पंजीका तथा गाड़ी की लॉग बुक सहित वेतन व अनुबंधित गाड़ी के बिलों की फोटो कॉपी साथ ले गए हैं।
बयानों के दौरान सुपरवाइर गीता देवी की तबियत बिगडने पर जांच अधिकारी घबरा गये उन्होने सीडीपीओ शैलेष कुमार को भी दबाव नहीं बनाने की बात कही। ऑफिस से जाने के बाद सभी जांच अधिकारियों ने फोन स्विच ऑफ कर लिए। गीता देवी के पुत्र कौशल किशोर ने मीडियाकर्मीयों को सीडीपीओ पर आरोप लगाते बताया कि सीडीपीओ उनको प्रताडि़त किया जा रहा है।
कई बार उनका डीग से तबादला भी करा दिया। गत 4 जुलाई को सीडीपीओ शैलेष ने खोह सेक्टर के नए पोषाहार के ठेके देने के आदेश निकाले थे। उसकी मां 3 जुलाई से 28 जुलाई तक मैडिकल लीव पर थी। उनसे जबरन पोषाहार की फाइलों पर बैकडेट में हस्ताक्षर कराने के सीडीपीओ दबाव बना रहे थे। सीडीपीओ कार्यालय में कार्यरत संस्थापन बाबू अजय यादव ने बताया कि सीडीपीओ शैलेष की जिन मामलों में जांच करने अधिकारी पहुंचे थे। उन्हीं मामलों में उनके पास गंभीर शिकायतें थी। सभी जाच अधिकारियों से उसने कई बार अपने बयान दर्ज कराने के लिए निवेदन किया, लेकिन उन्होंने न तो बयान दर्ज किए और न ही लिखित में उसकी शिकायत प्राप्त की।
महिला एवं बाल विकास भरतपुर के उपनिदेशक अमित गुप्ता का कहना है कि सीडीपीओ की धांधलियों को लेकर मैंने गुरुवार को जांच टीम डीग भेजी थी। मेरी अभी किसी भी जांच अधिकारी से बात नहीं हो पा रही है। महिला सुपरवाइजर को अगर प्रताडि़त किया है तो गलत है। कार्मिको के बयान नहीं लिए है उनके बयान जरूर लिए जाएंगे।