संतराम के अनुसार उनकी पत्नी बोलने में असमर्थ हैं। घर की माली हालत खराब है। वे एक झोपड़ीनुमा मकान में रहते हैं। बार-बार गुहार लगाने के बावजूद प्रशासन सुन नहीं रहा है। ऐसे में कब तक संतोष किया जाए। विधानसभा चुनाव पूर्व प्रधानमंत्री आवास निर्माण के नाम पर ब्लॉक में आठ सौ से अधिक गरीब बेघर हो गए हैं, न भुगतान मिल रहा है और न भरोसा। कर्ज के कारण जलील होना पड़ रहा है।