883 पुलिसकर्मियों के हुए तबादले आपको बता दें कि DGP मुख्यालय की तरफ से पिछले पांच दिनों में 883 पुलिसकर्मियों को उनके गृह जनपद के बॉर्डर के जिलों को छोड़कर पास के जिलों में तैनाती दे दी गई है। जानकारी के मुताबिक आने वाले समय में दूूसरे इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर और कांस्टेबलों को भी उनके गृह जनपद के पास वाले जिलों में तैनाती दी जाएगी। इसके लिए विभाग उनके आला अधिकारियों से फीडबैक लेगा और फिर उसके आधार पर तैनाती दी जाएगी।
सभी जिलों से मांगा गया था फीडबैक दरअसल डीजीपी मुख्यालय ने पुलिस विभाग में बॉर्डर स्कीम को फिर से लागू किए जाने के लिए कमेटी बनाई थी और सभी जिलों से इसको लेकर फीडबैक मांगवाया गया था। अधिकारियों के फीडबैक के आधार पर DGP मुख्यालय ने बीते 22 अक्टूबर से 26 अक्टूबर के बीच एक इंस्पेक्टर, 304 सब इंस्पेक्टर और 578 सिपाहियों को उनके गृह जनपद के बार्डर के जिलों के बजाए अब पास के दूसरे जिलों में तैनाती दी है। वहीं आगे भी जो इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर और सिपाही तबादले के लिए आवोदन करेंगे, डीजीपी ऑफिस उनके जिलों के एडीजी और आईजी रेंज से आवेदकों के बारे में रिपोर्ट लेगा। उसके बाद उनके तबादले की कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी।
अंग्रेजों के जमाने का कानून आपको बता दें कि पुलिस विभाग के एक बड़े अधिकारी के मुताबिक पुलिसकर्मियों को गृह जनपद या फिर आसपास के जिले में पोस्टिंग न देने का कानून अंग्रेजों के जमाने का है। लेकिन यह कतई उचित कानून नहीं है। अधिकारी के मुताबिक पुलिसकर्मी अगर जिले के पास तैनात होंगे तो अच्छा काम करेंगे। वह नौकरी के साथ-साथ अपना घर और परिवार भी देख सकेंगे। वहीं अगर कोई पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी में लापरवाही बरतता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई का विकल्प खुला रहेगा। लेकिन पुलिसकर्मियों को उनके गृह जनपद के पास वाले जिलों में तैनाती देनी चाहिए।