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मानसून में खरीफ की बर्बादी का कारण बना पानी अब रबी में दे सकता है फायदा, किसानों की मेहनत से अधिक हो सकती है पैदावार

locationबांसवाड़ाPublished: Oct 22, 2019 02:14:49 pm

Submitted by:

Varun Bhatt

rabi crop, farming in banswara : बाजारों में खाद-बीज खरीदारी का दौर, इस बार रकबा बढऩे की भी संभावना

मानसून में खरीफ की बर्बादी का कारण बना पानी अब रबी में दे सकता है फायदा, किसानों की मेहनत से अधिक हो सकती है पैदावार

मानसून में खरीफ की बर्बादी का कारण बना पानी अब रबी में दे सकता है फायदा, किसानों की मेहनत से अधिक हो सकती है पैदावार

बांसवाड़ा. मानसून की बारिश ने तकरीबन पूरे प्रदेश में खरीफ की फसलों का खराबा दिया, लेकिन अब संग्रहित पानी रबी में किसानों के लिए वरदान साबित हो सकता है। यदि किसान थोड़ा प्रयास कर लें तो उसे तो वह ज्यादा उपज ले सकता है। रबी की तैयारी के तहत बाजारों में काश्तकारों की बीजा खाद आदि की खरीदारी बढ़ गई है। खेती के जानकारों की मानें तो इस वर्ष अधिक बारिश के कारण जमीन नम हो गई है और किसान यदि समय पर बुवाई करता है तो वो एक पानी बचा सकता है। इसके अलावा अधिक क्षेत्रफल में भूमि में नमी होने के कारण काश्तकार गत वर्षों की तुलना में रकबा भी बढ़ा सकता है, जिससे किसान को दो तरफा फायदा मिल सकता है। लेकिन यह तभी संभव है जब किसान प्रयास करे। दूसरी ओर, रबी में अच्छी पैदावार कराने और जैविक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कृषि विभाग भी लगातार तैयारियां कर रहा है।
इन्हें मिलेगा फायदा, बाजार में भी तेजी : – जानकार बताते हैं कि जिन किसानों ने दीपावली से पूर्व बुवाई कर दी है। उन फसलों में किटों का प्रकोप भी कम रहेगा। क्योंकि अगेती फसलों में किट प्रकोप कम होता है। जिन किसानों ने देर कर दी और भूमि की नमी कम हो गई उन्हें फायदा मिलने में कठिनाई होगी। इस वर्ष अतिवृष्टि से हालांकि खरीफ फसल में सोयाबीन और मक्का बर्बाद हो चुका है। लेकिन इस बारिश के कारण ही चना और रबी का मक्का अच्छी होने की उम्मीद है। यही वजह की बाजार में कृषि उर्वरक और बीज के व्यापार में तेजी दिख रही है। जानकारों की मानें तो इस वर्ष डीएपी की दर कम होने का फायदा भी किसानों को मिलेगा। दरअसल डीएपी की दरें इस वर्ष 150 रुपए प्रति बैग कम है। पहले 50 किलो डीएपी का बैग 1400 रुपए में मिलता था, जो इस बार 1250 रुपए प्रति बैग की दर से उपलब्ध होगा।
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