इन्हें मिलेगा फायदा, बाजार में भी तेजी : – जानकार बताते हैं कि जिन किसानों ने दीपावली से पूर्व बुवाई कर दी है। उन फसलों में किटों का प्रकोप भी कम रहेगा। क्योंकि अगेती फसलों में किट प्रकोप कम होता है। जिन किसानों ने देर कर दी और भूमि की नमी कम हो गई उन्हें फायदा मिलने में कठिनाई होगी। इस वर्ष अतिवृष्टि से हालांकि खरीफ फसल में सोयाबीन और मक्का बर्बाद हो चुका है। लेकिन इस बारिश के कारण ही चना और रबी का मक्का अच्छी होने की उम्मीद है। यही वजह की बाजार में कृषि उर्वरक और बीज के व्यापार में तेजी दिख रही है। जानकारों की मानें तो इस वर्ष डीएपी की दर कम होने का फायदा भी किसानों को मिलेगा। दरअसल डीएपी की दरें इस वर्ष 150 रुपए प्रति बैग कम है। पहले 50 किलो डीएपी का बैग 1400 रुपए में मिलता था, जो इस बार 1250 रुपए प्रति बैग की दर से उपलब्ध होगा।