नहीं मिला गोदाम, तो आंगनवाड़ी में भरवा दिया आहार
अव्यवस्थाओं के जाल में फंसा परियोजना कार्यालय का आंगनवाड़ी भवन
नहीं मिला गोदाम, तो आंगनवाड़ी में भरवा दिया आहार
चिखलाबांध. खैरलांजी के एकीकृत बाल विकास सेवा परियोजना कार्यालय के आंगनवाड़ी भवन क्रमांक ९३ में इन दिनों बेजा अव्यवस्थाओं का माहौल है। यहां बच्चों को पर्याप्त बैठक सुविधा नहीं मिल पा रहा है। ना ही खेलने के लिए स्थान बचा है। इस कारण बच्चे भी इस केन्द्र में आने से परहेज करने लगे हैं। बताया गया कि परियोजना कार्यालय को वर्षो से एक भवन (गोदाम) की दरकार है। लेकिन अब तक शासन प्रशासन से यहां भवन उपलब्ध नहीं कराया है। कारण पूरक पोषण आहार रखने में बेजा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान में भवन के अभाव में एक आंगनवाड़ी केन्द्र क्रमांक ९३ के भवन में पूरक पोषण को भर दिया गया है। जिससे केन्द्र में अव्यवस्थाएं हावी हो गई है। केन्द्र में आहार भर दिए जाने से बच्चों की आजादी पर भी ग्रहण सा लग गया है। केन्द्र में पहुंचने वाले बच्चे यहां ना तो ठीक से बैठ पा रहे हैं और ना ही खेलना कूदना हो पा रहा है। अब इसका सीधा असर बच्चों की संख्या पर पड़ते नजर आने लगा है। यहां पर्याप्त बैठक व्यवस्था के अभाव में बच्चों की संख्या नगण्य सी होने लगी है।
इस संबंध में आंगनवाड़ी कर्मचारियों के अनुसार पिछले दिनों जब पूरक पोषण आहार लेकर एक ट्रक किराए के गोदाम के सामने आया था। तो मकान मालिक ने पिछले आठ माह किराया नहीं मिलने का हवाला देकर गोदाम किराए पर देने से मना कर दिया। इसके बाद गोदाम के अभाव में पोषण आहार आंगनवाड़ी केन्द्र क्रमांक ९३ में पूरे ट्रक को खाली कर पोषण आहार से भर दिया गया है। जिसका खामियाजा अब नौनिहाल बच्चों को भुगताना पड़ रहा है। बच्चों की खेलने की आजादी छिन सी गई है। वहीं दुर्घटना की आशंका भी बन रही है।
वर्षो से गोदाम की दरकार
परियोजना कार्यालय के अधिकारी कर्मचारियों के अनुसार पिछले करीब २० वर्षो यह परियोजना कार्यालय शासन- प्रशासन की उपेक्षा का दंश झेलने मजबूर है। कहने को तो यह कार्यालय जिले के सांसद बोधसिंह भगत के गृह क्षेत्र में स्थित है। वहीं सत्ता पक्ष के विधायक भी इस क्षेत्र में काबिज है। लेकिन इतने वर्षो में एक अधिकारी या जनप्रतिनिधि ने कार्यालय की सुध तक नहीं ली है। जबकि शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं का क्रियान्वयन इसी कार्यालय के मार्फत किया जाता है। इन्होंने ने बताया कि भवन व अन्य सुविधाओं के अभाव में शासन की योजनाओं का सफलता पूर्वक संचालन करने में ढेरों कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। जिससे योजनाएं भी प्रभावित होती है। सभी ने पोषण आहार के लिए गोदाम व कर्मचारियों के लिए पर्याप्त सुविधाएं मुहैया कराए जाने की मांग की है।
गोदाम मालिक ने जड़ा ताला
इस मामले में कार्यालय के परियोजना अधिकारी लकेश उके ने बताया कि गोदाम किराया के देयक पत्र प्रति माह समयानुसार कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी को प्रस्तुत कर दिया जाता है। इसके बावजूद गोदाम मालिक द्वारा बगैर पूर्व सूचना दिए गोदाम को ताला लगाकर पूरक पोषण आहार रखने से मना कर दिया गया। चूंकि पूरक पोषण आहार से भरा वाहन आ चुका था। जिसकी वैकल्पिक व्यवस्था जिला कार्यक्रम अधिकारी के निर्देशानुसार ही आंगनवाड़ी केन्द्र में की गई है। ताकि हितग्राही बच्चें पोषण आहार से वंचित ना रहे। हॉलाकि यह निर्णय लेने के पूर्व केन्द्र के बच्चों के विषय में नहीं सोचा गया।
वर्सन
मेरे द्वारा स्थाई रुप से कार्यालय एवं गोदाम की व्यवस्था को देखते हुए जनपद के पुराने जीर्ण – शीर्ण भवन की मांग कर मरम्मत के लिए शासन स्तर से राशि चाही गई है। जिसकी कार्रवाई का प्रस्ताव जिला पंचायत बालाघाट भेजा जा चुका है। यदि शासन से भवन और राशि की स्वीकृति प्राप्त होती है, तो व्यवस्था सुदृढ़ हो जाएगी।
लकेश उके, परियोजना अधिकारी
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