बुधवार को चौमूं पुलिस की नाकाबंदी में पिकअप की तलाशी ली तो उसमें तेल से भरे ड्रम मिले। गाड़ी में सवार युवकों ने पेट्रोल पंप का बिल भी दिखा दिया। लेकिन पुलिस को संदेह हुआ कि इतनी अधिक मात्रा में तेल ले जाने का क्या कारण है। इस पर आरोपी स्पष्ट जवाब नहीं दे सके और पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो तेल चोरी के राजावास स्थित ठिकाने के बारे में बता दिया।
जानकारी के मुताबिक पुलिस और पेट्रोलियम कपनी के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जानकारी जुटाई। मूंदड़ा गुजरात से दिल्ली तक जाने वाली इस लाइन से बदमाश तेल चोरी कर रहे थे। खुदाई के दौरान पाइप लाइन के इर्द-गिर्द मिट्टी से भरे कट्टे मिले हैं, जिनपर मैन्यूफेक्चरिंग डेट 2018 की थी। ऐसे में पुलिस का मानना है कि यह कारोबार एक साल से चल रहा होगा। पेट्रोलियम अधिकारियों ने भी स्वीकार किया कि पिछले एक साल से यहां प्रेशर कम की दिक्कत सामने आ रही थी। लेकिन चोरी का पता नहीं चल सका। गौरतलब है कि कंपनी की ओर से दिन और रात में सिक्योरिटी गार्ड पैदल चलकर पाइप लाइन की सुरक्षा में ड्यूटी करता है। फिर भी चोरी का खेल चल रहा था।
शातिर चोरों ने मुख्य तेल पाइप लाइन से करीब 30 मीटर की दूरी पर स्थित मकान तक बाकायदा सुरंग बनाई। उस सुरंग से निकलने वाली मिट्टी को कट्टो में भरकर साइड में लगाते रहे। ऊपर व दोनों तरफ लकड़ी के फंटे लगाकर ढक दिया। करीब आधा इंची लोहे का पाइप लगाकर उस मकान के पानी के टैंक में ले गए। चोरों ने उस मकान को तो मुख्य कंट्रोल रूम बनाकर, वहां से पाइप लाइन कुछ दूरी पर स्थित दूसरे मकान में जोड़ दिया। वहां पर सही पे्रशर से तेल आने लगा तो करीब 60 मीटर दूर स्थित एक और मकान में लाइन जोड़ दी। बदमाशों ने सुरंग करने वाली मशीन से पाइप लाइन बिछाई। आसपास रहने वाले लोगों को भी इसकी भनक नहीं लगी। लोगों का कहना है कि लोडिंग गाडिय़ां तो आती थी, लेकिन तेल चोरी का किसी को अंदेशा नहीं था।
– नाकाबंदी के दौरान पकड़े गए संदिग्धों से तेल चोरी का पता चला। मौके पर पेट्रोलियम अधिकारियों के साथ तफ्तीश की गई। कंपनी की ओर से रिपोर्ट दर्ज होने के बाद गिरोह के अन्य लोगों की गिरफ्तारी की जाएगी।