scriptलोस चुनाव से पहले ताकत दिखाने सड़क पर उतरी शिवपाल सेना, मगर नहीं मिला इनका समर्थन, सपाई हो गये गदगद | Muslims not support shivpal yadav Party march in Up azamgarh | Patrika News
आजमगढ़

लोस चुनाव से पहले ताकत दिखाने सड़क पर उतरी शिवपाल सेना, मगर नहीं मिला इनका समर्थन, सपाई हो गये गदगद

बाबरी विध्वंस दिवस के मौके पर सड़क पर उतरी शिवपाल सेना, मनाया काला दिवस

आजमगढ़Dec 06, 2018 / 06:08 pm

Akhilesh Tripathi

Shivpal yadav

शिवपाल यादव

आजमगढ़. खुद को सेक्युलर साबित करने और लोकसभा चुनाव से पूर्व मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने के लिए बाबरी विध्वंस दिवस पर काला दिवस मनाने का प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का प्लान फेल रहा। पार्टी ने काली पट्टी बांध जुलूस तो निकाला लेकिन इसमें सिर्फ पुराने गिने चुने चेहरे ही नजर आये। पार्टी की उम्मीद के विपरीत उसे मुसलमानों का सपोर्ट नहीं मिला। इससे जहां सपाइयों ने राहत की सांस ली वहीं शिवपाल सेना निराश नजर आयी।

बता दें कि 06 दिसंबर 1992 को बाबरी विध्वंस के बाद से ही इसपर खुलकर राजनीति हो रही है। खुद को सेक्युलर बताने वाले राजनीतिक दल इस दिन को काला दिवस और भाजपा सहित हिंदू संगठन इस दिन को शौर्य दिवस के रूप में मनाते हैं। इस बार बाबरी मस्जिद के विध्वंस की 26वीं बरसी पर स्थित थोड़ी अलग दिखी।

कारण कि सामने लोकसभा चुनाव है और सभी राजनीतिक दल इस समय खुद को हिंदुओं का हितैषी या खुद को सेक्युलर साबित करने में जुटे है। यही वजह है कि जो काला दिवस खुलकर मनाया जाता था। लोग सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करते थे इस बार बेहद शांत दिखे। यूं भी कहा जा सकता है कि काला दिवस की औपचारिकता पूरी की गयी।

हाल में अस्तित्व में आयी शिवपाल यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया ने इस मौके को भुनाने की पूरी कोशिश की। खुद को सेक्युलर साबित करने और मुसलमानों का हितैषी बताने के लिए पार्टी ने सांप्रदायिक सौहार्द को कायम रखने का हवाला देते हुए काला दिवस मनाने का अह्वान किया और पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता पूर्वाह्न 11 बजे ही बाहों में काली पट्टी बांधकर सड़क पर उतर गये। इस दौरान जिला कार्यालय से गांधी जी की प्रतिमा तक जुलूस निकाला गया। लेकिन इस जुलूस में पार्टी के वहीं पुराने चेहरे नजर आये। मुसलमानों का सपोर्ट बिल्कुल नहीं मिला।
shivpal yadav party march
 

इस स्थिति ने सपा को राहत दी तो मौका देख शिवपाल की पार्टी के लोग भी पैतरा बदल दिया। उनके निशाने पर सरकार आ गयी और कहना शुरू कर दिया कि सरकार के गलत नीतियों के विरोध में यह कलंक दिवस मनाया जा रहा है। पहले आम आदमी मारा जाता था, आज अधिकारी मारे जा रहे हैं। आवारा पशुओं ने जीना दुश्वार कर दिया है। इन सब समस्याओं को लेकर यह जुलूस निकाला गया है और प्रार्थना की गयी है कि बीजेपी को सदबुद्धि आये। बहरहाल प्रसपा का यह कार्यक्रम चर्चा का विषय रहा।
BY- RANVIJAY SINGH

Home / Azamgarh / लोस चुनाव से पहले ताकत दिखाने सड़क पर उतरी शिवपाल सेना, मगर नहीं मिला इनका समर्थन, सपाई हो गये गदगद

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो