कैलिफोर्निया के अनाहिम शहर के पहले सिख मेयर बने हैरी सिंह सिद्धू मृत्युदंड देने का आदेश दिया था पांच बच्चों की मां आसिया बीबी को बीते बुधवार मुलतान के कारावास से मुक्त कर दिया था। वह बीते आठ साल से सजा भुगत रही थीं। उनपर 2009 में पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने का आरोप था और उन्हें 2018 में अदालत ने मृत्युदंड देने का आदेश दिया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने आसिया को कारावास से मुक्त होने को लेकर पैदा हुई नाराजगी के बाद उनके देश छोड़ने की अफवाहों को खारिज कर दिया है।
बांग्लादेश: संसदीय चुनाव की तारीखें तय, 23 दिसंबर को होगा मतदान बीबी जहां चाहे वहां जाने को स्वतंत्र हैं फैसल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनके देश छोड़ने की खबर में कोई सच्चाई नहीं है। यह फर्जी खबर है। आसिया बीबी को 31 अक्टूबर को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बरी करार देकर रिहा करने का आदेश दिए जाने के खिलाफ कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) ने विरोध प्रदर्शन किया था। फैसल ने कहा कि आसिया पाकिस्तान में सुरक्षित स्थान पर हैं। याचिका अदालत में है। उन्होंने कहा कि पुनरीक्षण याचिका पर अदालत में फैसला होने के बाद बीबी जहां चाहे वहां जाने को स्वतंत्र हैं।
व्यवहार को गैर-जिम्मेदाराना बताया सूचना एवं प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने आसिया बीबी के देश छोड़ने के बारे में बगैर पुष्टि के खबर प्रसारित करने के लिए कुछ मीडिया संस्थानों के व्यवहार को गैर-जिम्मेदाराना बताया। आसिया बीबी का मामला गंभीर है। बगैर पुष्टि के उनके देश छोड़ने की खबर प्रसारित करना गैर-जिम्मेदार व्यवहार है। टीएलपी सर्वोच्च न्यायालय से आदेश का पुनरीक्षण करने की मांग कर रही है। कट्टरपंथी समूह ने सरकार पर पिछले सप्ताह इस बात के लिए राजी करने को लेकर दबाव डाला कि बीबी को पाकिस्तान छोड़ने की इजाजत नहीं होनी चाहिए। इसी शर्त पर उसने अपना आंदोलन वापस लिया था।
इटली ने शरण देने की पेशकश की गौरतलब है कि कई देशों ने बीबी को शरण देने की पेशकश की है। इटली के आंतरिक मामलों के मंत्री मट्टियो साल्विनी ने घोषणा की कि उनका देश आसिया बीबी को पाकिस्तान छोड़ने में मदद करेगा। बीबी के वकील सैफ मुलूक ने बीते सप्ताह यह कहते हुए पाकिस्तान छोड़ दिया था कि आसिया के रिहा होने को लेकर हो रहे विरोध के बाद उनकी जान को खतरा है।