स्कूलों की बोर्ड क्लासों के तो कुछ सब्जेक्ट के इम्तेहान ही बचे हुए हैं। जिसपर शिक्षा विभाग ने लॉकडाउन के कारण विराम लगा रखा है। कई छात्रों के मन में ये सवाल भी हैं कि, कोरोना को लेकर जिस तरह के हालात देश प्रदेश में नजर आ रहे हैं उस हिसाब से क्या सचमुच 15 अप्रैल से स्कूल-कॉलेज खुल सकेंगे? छात्रों के इस असमंजस को दूर करते हुए मोदी सरकार के एचआडी मंत्री का इस संबंध जरूरी बयान सामने आया है।
पढ़ें ये खबर- 15 अप्रैल से कई रूटों पर शुरू होंगी स्पेशल ट्रेन
HRD मंत्री ने कही ये बात
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा है कि देश के शैक्षिक संस्थान खोलने का फैसला 14 अप्रैल के बाद ही लिया जाएगा। अगर स्कूल, कॉलेज आगे भी बंद रखने पड़े तो मंत्रालय पहले इस बात को सुनिष्चित करेगा कि, फैसले से छात्रों के भविष्य का नुकसान न हो। HRD मंत्री ने रविवार को एक न्यूज एजेंसी को दिये बयान में कहा कि, कोरोना वायरस संकट पर स्थिति की 14 अप्रैल को समीक्षा करने के बाद सरकार इसपर जरूर फैसला लेगी। मंत्री ने कहा कि, छात्रों और अध्यापकों की सुरक्षा सरकार के लिये सबसे जरूरी है। उनका मंत्रालय तय करेगा कि, अगर स्कूल, कॉलेज को 14 अप्रैल के बाद भी बंद रखने की जरूरत पड़ी तो छात्रों को पढ़ाई-लिखाई के नुकसान को किस तरह कम किया जाए।
पढ़ें ये खबर- इस फल की पत्तियां चबाने से तेजी से बढ़ता Immune System, कई गंभीर बीमारियों में भी है फायदेमंद
स्कूल खुले तो एग्जाम होंगे
HRD मंत्री के मुताबिक, ‘देशभर में स्कूल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या 34 करोड़ है, ये संख्या अमेरिका की आबादी से भी कई ज्यादा है। सरकार इसे अपनी सबसे बड़ी संपत्ति समझती है। छात्रों एवं अध्यापकों की सुरक्षा सरकार के लिये सर्वोपरि है।’ उन्होंने कहा कि, ‘फिलहाल, विभिन्न सरकारी प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए कक्षाएं ऑनलाइन की जाने पर भी काम चल रहा है।
‘ मंत्री के मुताबिक, ‘मैं लॉकडाउन के दौरान स्कूल, कॉलेज द्वारा अनुपालन की जा रही कार्य योजना की नियमित रूप से समीक्षा कर रहा हूं। स्थिति में सुधार आने पर और लॉकडाउन खत्म होने पर लंबित परीक्षाएं संचालित करने तथा (उत्तर पुस्तिकाओं का) मूल्यांकन करने की तैयारी सरकार द्वारा पहले ही की जा चुकी है।