बाघ एसटी-13 के पहुंचने से खतरा बढ़ा बाघ एसटी-13 गत 21 जनवरी को बाघिन एसटी-10 की टैरिटरी में पहुंच गया। तभी से बाघ एसटी-13 बाघिन एसटी-10 के आसपास मंडरा रहा है। इसी जगह बाघिन एसटी-10 के तीन शावक हैं, जिनकी उम्र अभी दो महीने भी नहीं है, इस कारण शावक जन्म से लेकर अब तक उसी नाले में बाघिन के साथ हैं। आशंका है कि बाघिन एसटी-13 की ओर से शावकों का शिकार नहीं दिया हो। इस चिंता की एक वजह यह भी है कि जन्म लेने के बाद से शावक एक बार ही दिखाई दिए हैं, उसके बाद अभी तक शावक नहीं दिख पाए हैं। हालांकि वनकर्मियों ने बाघ को शावकों से दूर भगान का कई बार प्रयास किया, लेकिन वह अभी शावकों के आसपास ही घूम रहा है।
शावकों को ढूंढ पाना आसान नहीं बाघिन एसटी-10 ने एक गहरे व लंबे नाले में शावकों को जन्म दिया था। पिछले दिनों भी इन शावकों का पता उस समय लग पाया, जब सरिस्का के डीएफओ जंगल की मॉनिटरिंग पर थे। बाघिन के शावकों के जन्म देने की जगह इतनी गहरी है कि वहां वनकर्मियों का पहुंच पाना मुश्किल है। वहीं आसपास कैमरे लगाना भी संभव नहीं है। वहीं शावकों के पास पहुंचकर मॉनिटरिंग कर पाना भी आसान नहीं है, कारण है शावकों के पास वनकर्मियों पर बाघिन के हमले की आशंका रहती है। शावकों की उम्र कम होने के कारण उनका नाले से बाहर निकल पाना भी संभव नहीं है। एेसे में शावकों का पता लगाना सरिस्का प्रशासन के लिए खासी चुनौती बना है।
शावक एसटी-13 की संतान सरिस्का कर्मियों का मानना है कि संभवत: एसटी-10 के शावक बाघ एसटी-13 की संतान है। शावकों के जन्म लेने से पहले बाघ एसटी-13 व बाघिन एसटी-10 को साथ-साथ घूमते देखा गया। दोनों के बीच मैटिंग की भी पुष्टि हो चुकी है। सरिस्का प्रशासन का यह भी कहना है कि संभव है कि बाघ फिर से बाघिन के पास पहुंचा है। अपनी संतान होने के कारण वह शावकों का शिकार नहीं करे।
कई दिनों से शावक नहीं दिखे सरिस्का में बाघिन एसटी-10 के शावक कई दिनों से नहीं दिखे हैं। बाघ एसटी-13 भी वहीं है। शावकों के बारे में पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।
हेमंत सिंह
डीएफओ, सरिस्का बाघ परियोजना