चायनीज को मात दे रही हैं देसी लाइटें
अलवरPublished: Oct 18, 2019 09:10:01 pm
फोटो – चायनीज को मात दे रही हैं देसी लाइटें
दीयों व देशी लाइटों से रोशन हुआ दीपावली का बाजार
अलवर. दीपावली की तैयारियां शुरू हो चुकी है। इसके चलते व्यापार महासंघ की ओर से भी शहर को सजने संवारने की तैयारी शुरू कर दी है। शहर के मुख्य द्वारों पर बड़े बड़े स्वागत द्वार बनाए जा रहे हैं
चायनीज को मात दे रही हैं देसी लाइटें
लगने लगा है कि दीपों का पर्व दीपावली अब आ ही गया है। इधर शहरवासी भी अपने घर को सजाने में केाई कसर नहीं छोड रहे हैं्र हर दिन नई खरीददारी की जा रही हैं। उत्साह उमंग जोश खुशी के साथ सब दीपावली मनाने में जुटे हुए हैं। घर के अंदर और बाहर हर तरफ अब तो दीपावली की चमक दिख रही है।दीपावली पर अपने घर को सुंदर रूप देने के लिए हर कोई कुछ नया खरीद रहा है। लेकिन जब तक दीपावली पर जब तक तेल के दीए ना जले और रंग बिरंगी झालरों की सजावट ना हो दीपावली का मजा नहीं आता है। बाजार में दुकानों पर चायनीज लाइटों की भरमार है जिन्हें लोग खरीद भी रहे हैं। लेकिन चायनीज लाइट को मात दे रही हैं देसी झालरें। शहर के बजाजा बाजार,्ररोड नंबर दो, काशीराम का चौराहा, मनुमार्ग का चौराहा आदि बाजारों में रंग बिरंगी झालरें सजी हुई है। इधर घंटाघर, रोड नंबर दो, अशोका टाकीज, नगर परिषद, होपसर्कस व एसएमडी चौराहा आदि जगहों पर कुम्हारो ंकी बिजली के सामान के विक्रेता मनीष कुमार ने बताया कि चायनीज लाइट सस्ती होने के कारण पसंद की जा रही थी। लेकिन एक बार लेने के बाद इनके चलने की कोई गारंटी नहीं रहती है। इसलिए इस बार ग्राहक देसी झालरों को ही पंसद कर रहे हैं। ये एक बार खरीदने के बाद कई सालों तक काम में ली जा सकती है। हर साल खरीदने का झंझट नहीं रहता है।डेकोरेटिव व म्यूजिकल लैंप कर रहे आकर्षित इधर, दुकानों पर सुंदर व आकर्षक इलेक्ट्रिक लैंप भी आए हुए हैं। जो कि जो 100 से 500 की रेंज में है। ये लैंप साल भर भले ही दिखाई ना दे लेकिन दीपावली पर इनकी दुकानें अवश्य सजती है। लोग खूब खरीददारी भी करते हैं। रंग बिरंगे कागज और मेटिरियल से बने ये लैंप बहुत पसंद किए जा रहे हैं।