दरअसल ज्योतिष्पीठ की गद्दी को लेकर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती और स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती के बीच पिछले काफी समय से विवाद चल रहा था। विवाद इतना बढ़ा कि मामला कोर्ट में चला गया। कोर्ट ने ज्योतिष्पीठ पर नए शंकराचार्य की नियुक्ति का आदेश दिया था। स्वामी स्वरूपानंद नंद सरस्वती के प्रतिनिधियों के अनुसार स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती को कोर्ट ने अयोग्य घोषित किया था।
ऐसे मंे जब तक नए शंकराचार्य की नियुक्ति नहीं हो जाती। यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। बावजूद इसके मेला प्रशासन की ओर से माघ मेला क्षेत्र शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को ज्योतिष्पीठ की जमीन नहीं दी है। इसके कारण संतों में आक्रोश है। माघ मेला क्षेत्र में जमीन नहीं मिलने से नाराज स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती इलाहाबाद में माघ मेले का बष्किार करेंगे।
वो माघ मेले के दौरान इलाहाबाद तो आएंगे लेकिन माघ मेला क्षेत्र के शिविर में नहीं जाएगें। उस दौरान मनकामेश्वर मंदिर मंे ही रहेंगे। वहीं शंकराचार्य की इस नाराजगी को लेकर मेला प्रशासन के होश उड़ गए हैं। मेलाधिकारियों के अनुसार अभी तक जिन संस्थाओं को जमीन दी जाती रही है। उन सभी को जमीन दी जा रही है। त्रिवेणी और काली सड़क पर कटान के कारण जगह मंे बदलाव किया गया है।
लेकिन संत उसी जगह जमीन चाहते हैं। जिनता संभव हुआ है वहां जमीन दी गई है। कम जमीन के कारण शेष लोगों को इधर-उधर जरूर किया गया है। इस बार पिछले साल की तुलना में कहीं ज्यादा संस्थाए मेला क्षेत्र में आई हैं।
8 दिन शेष नहीं रूक रहा विवाद
माघ मेला प्रारंभ होने में अब 8 दिन ही शेष हैं। बावजूद इसके अभी तक जमीन आवंटन को लेकर विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। अक्षयवट की ओर जमीन आवंटन को लेकर रविवार देर रात तक संतों में नाराजगी देखने को मिली। वहीं मेला एसपी ने सुरक्षा की दृष्टि को ध्यान में रख वहां जमीन देने से पहले ही इंकार कर दिया था। ऐसे में ज्योतिष्पीठ की जमीन को लेकर एक नया विवाद सामने आया गया है।