कोर्ट ने इस मामले को जनहित याचिका के रूप में स्वीकार करते हुए सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड तथा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद को नोटिस जारी की है। कोर्ट ने धार्मिक संस्थाओं सहित राज्य सरकार से पूछा है कि क्या धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर लगाना धार्मिक अनिवार्यता है। इस पर क्यों न फिर से विचार हो। कोर्ट का मानना था कि इससे आसपास के रहने वाले लोगों को परेशानी होती है और इनकी सुनवाई कोई नहीं करता। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि लाउडस्पीकर की ध्वनि से प्रदूषण की समस्या का कैसे निवारण किया जाए। अदालत ने सभी पक्षों से दो मई 18 तक जवाब मांगा है।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डी.बी.भोसले व न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खण्डपीठ ने अमरोहा के जुमैद खान की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। याचिका में मस्जिद पर लगे स्पीकर को हटाने की दी गयी नोटिस की वैधता को चुनौती दी गयी है। नोटिस में बिना प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति लिए स्पीकर न लगाने का निर्देश दिया गया है।
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