एएमयू में एससी, एसटी एवं ओबीसी को भी दाखिले या नौकरी में आरक्षण न मिलने का विवाद लंबे समय से चल रहा है। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष रामशंकर कठेरिया भी इसको लेकर सवाल उठा चुके हैं। वर्तमान में एएमयू अल्पसंख्यक स्वरूप का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। ऐसे में सामान्य वर्ग के गरीबों को दस फीसदी आरक्षण का लाभ मिलना भी मुश्किल ही मालूम पड़ रहा है। वहीं इस मामले में एएमयू पीआरओ आफिस के एमआईसी प्रो. शाफे किदवई का कहना है कि मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। ऐसे में एडमिशन पॉलिसी यथावत रहेगी।