इसके बाद बड़ी मस्जिद से ताजिये का जुलूस मुख्य बाजार पहुंचा। आखरी मजलिस अन्दर वाली इमाम बारगाह में शुरू हुई, जिसे मौलाना नाजिम खेराबादी ने खिताब किया। इसके बाद अंजुमन के नौजवान और बच्चे खूनी मातम करते हुए मुख्य चौक पहुंचे। नजर तकसीम के बाद ताजियों को कर्बला में सैराब किया गया। कार्यक्रम का आयोजन अंजुमने शहीदाने फु रात, अंजुमने जाफ रया विकास समिति एवं अंजुमने फ ातहे फ ुरात के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।