श्री वृंदावन ऑटो सेल्स सहित छह एजेंसियों की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई
श्री वृंदावन ऑटो सेल्स सहित छह ऑटो एजेंसियों की याचिका पर अधिवक्ता प्रारब्ध पांडेय ने बहस की। अधिवक्ता प्रारब्ध पांडेय ने बताया कि आगरा-मथुरा के सहायक रीजनल ट्रांसपोर्ट अधिकारी ने सात नवंबर 2023 और आठ जनवरी 2024 को अधिसूचना जारी की। यह भी पढ़ेंः
योगी सरकार के पूर्व मंत्री उदयभान सिंह पर पुलिस का शिकंजा, पोते दिव्यांश चौधरी का घर कुर्क करने की तैयारी इसमें आगरा-मथुरा में ई-ऑटो और ई-रिक्शा के पंजीकरण पर रोक लगाई गई। इसे ई-रिक्शा डीलरों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याची का कहना था कि ट्रांसपोर्ट नियमावली के नियम 178 में पंजीकरण प्रतिबंधित करने का अधिकार सरकार को नहीं है। यह संविधान के अनुच्छेद 19 (1)(जी) का उल्लघंन है।
सरकार ने हलफनामे में बताई आगरा-मथुरा में ई-रिक्शा पर प्रतिबंध की सच्चाई
अधिवक्ता प्रारब्ध पांडेय ने बताया कि इस मामले में सरकार ने हलफनामा दाखिल किया था। इसमें बताया गया कि ई-रिक्शा और ई-ऑटो सहित सीएनजी ऑटो यातायात नियमों का पालन नहीं करते हैं। इनकी आवश्यकता से ज्यादा संख्या होने से यातायात की समस्या खड़ी हो रही है। यह भी पढ़ेंः
भाजपा के गढ़ में गिरा मतदान का आंकड़ा, ठाकुरों का नाराजगी का सपा-बसपा को मिलेगा फायदा? सरकार के हलफनामे के अनुसार अकेले मथुरा शहर में 14748 ई-रिक्शा, 12346 सीएनजी, थ्री व्हीलर रिक्शा, 695 ई-ऑटो चल रहे हैं। मथुरा और आगरा की यातायात व्यवस्था को देखते हुए जनहित में ये निर्णय लिया गया है। सरकार ने बताया कि आगरा-मथुरा में 105 से अधिक ई-रिक्शा डीलर हैं। हाईकोर्ट ने इसे नियमों का उल्लंघन बताते हुए अधिसूचना रद कर दी है।